अन्तर्राष्ट्रीय

ड्रैगन से मुकाबला नहीं कर सकती इंडियन आर्मी, अमेरिका भी खाता है खौफ: चीनी मीडिया

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबा खिंचता चला जा रहा है। एक ओर जहां भारत इस मसले का कूटनीतिक तरीके से सुलझाने की बात कर रहा है, वहीं चीनी मीडिया इस पूरे मामले पर लगातार तीखे तेवर दिखा रहा है। चीन के सरकार अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बुधवार को एक बार फिर भारत के खिलाफ लेख छापा।

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ड्रैगन से मुकाबला नहीं कर सकती इंडियन आर्मी, अमेरिका भी खाता है खौफ: चीनी मीडियाग्लोबल टाइम्स ने अपनी संपादकीय में लिखा है कि दक्षिण चीन सागर में तैनात अमेरिकी सेना भी चीन से बचती है और चीनी कोस्टल के आसपास नहीं आती। वहीं सीमित संसाधनों में काम चलाने वाली भारतीय सेना, चीन से मुकाबला नहीं कर सकती है। चीनी सेना भारत से कहीं ज्यादा ताकतवर है। 

साथ ही संपादकीय में लिखा गया कि, चीन अपनी सेना की क्षमता को कभी भी बढ़ा सकती है, जो अन्य देशों से कहीं ज्यादा है। चीन अपने कोर रणनीतियों पर काम कर रहा है। वह अपनी सेना को अन्य देशों से ज्यादा तेज और क्षमता बढ़ाने पर काम कर रहा है। 

गौरतलब है कि चीन ने मंगलवार को अपनी सेना पीएलए की 90वीं वर्षगांठ मनाई। जिसके बाद चीनी अखबार में यह लेख छपा।

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पश्चिमी मीडिया ले रहा भारत का पक्ष: चीनी मीडिया

जह पहला मौका नहीं है जब चीनी मीडिया ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। इससे पहले भी मंगलवार को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पश्चिम मीडिया पर भारत का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। 

चीनी मीडिया ने कहा कि चुकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है इसलिए पश्चिमी मीडिया डोकलाम मुद्दे पर भारत का पक्ष ले रही है। मंगलवार को चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक ओपिनियन में कहा गया कि भारत चीन के मुकाबले कमजोर है इसलिए लोग सहानुभूति के तौर पर उसका सपोर्ट कर रहे हैं। 

लेख में आगे लिखा गया है कि पश्चिम देशों की मीडिया में भारत की छवि एक पीड़ित की है, जिसे चीन दबा रहा है। हालांकि भारत गलत तरीके से चीनी सीमा में घुस आया है, जबकि ये सीमा विवाद चीन और भूटान के बीच है। 

 

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