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दामाद ने राम रहीम पर लगाया आरोप, दत्तक पुत्री से है अवैध संबंध

डेरा सच्चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कारी घोषित किए जाने के बाद सलाखों के पीछे भेज दिया है। राम रहीम दोषी ठहराये जाने के फैसले के बाद डेरा समर्थक हिंसा पर उतारू हो गये और उन्होंने जमकर तोडफ़ोड़ तथा आगजनी की जिससे 32 लोगों की मौत हो गयी और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए । बता दे कि डेरा सच्चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ हर समय दिखने वाली उनकी दत्तक बेटी हनीप्रीत अपने पति के साथ नहीं रहती हैं। उसके पति विश्वास गुप्ता ने साल 2011 में उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा था कि डेरा सच्चा प्रमुख भले ही उसकी पत्नी को अपनी बेटी कहते हैं, पर उसके साथ डेरा प्रमुख के अवैध संबंध हैं। हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका हैं। शुक्रवार को डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद वो उसके साथ हेलीकॉप्टर से रोहतक गई थी, जहां सुनारिया जेल में डेरा प्रमुख को रखा गया है। उसके बाद वह रोहतक से रहस्यमय तरीके से गायब हो गई।

बता दे कि राम रहीम को नई पहचान के रूप में कैदी नंबर 1997 दिया गया है। विश्वास का परिवार अब पंचकूला में रहता है। डेरा प्रमुख से जान का खतरा बताते हुए विश्वास और उसके पिता मोहिंदर पाल गुप्ता ने याचिका में अपनी सुरक्षा पर भी चिंता जताई थी। कहा था कि डेरा प्रमुख के पास प्रशिक्षित शूटर हैं। उसके परिवार को खत्म किए जाने की धमकी मिलती रहती है। विश्वास गुप्ता हरियाणा के एक प्रभावशाली परिवार से है। उसके बाबा रुलिया राम गुप्ता करनाल के घरौंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे थे। विश्वास ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके बाबा डेरे के भक्त थे। उन्होंने डेरा प्रमुख के आदेश पर अपनी सारी संपत्ति बेचकर उससे मिला धन डेरे के स्वामित्व वाली फैक्टियों में लगा दिया था।
डेरा प्रबंधन ने तब कहा था कि जब भी गुप्ता कहेंगे उनका धन वापस कर दिया जाएगा। उसके बाद उसका परिवार डेरे में ही रहने लगा। विश्वास के मुताबिक 11 फरवरी 1999 को डेरा प्रमुख ने अपनी कथित पुत्री से उसकी शादी तय की थी। सत्संग के दौरान शादी तो हो गई, परंतु लड़की को एक बार भी उसके साथ नहीं भेजा गया। वही विश्वास का ये भी कहना था कि इसके बाद उसे और उसके परिवार को खत्म कर देने की धमकी मिलने लगी और हनीप्रीत ने विश्वास से तलाक ले लिया।

बता दे कि राम रहीम के बारे में अब लोग मुंह खोल रहे हैं। अब लोगों ने मीडिया से कहा कि जब शाह मस्ताना जी ने 1948 में डेरा सच्चा सौदा आश्रम की स्थापना की थी तो यहां केवल संत वाणी सुनाई देती थी। मस्ताना जी के नक्शे कदम पर सतनाम जी भी चले लेकिन राम-रहीम के आते ही कुटिया जैसा आश्रम फाइव स्टार होटल के रूप में तब्दील हो गया और देखते ही देखते डेरे में लग्जरी गाड़ियों की लाइन लग गई। गुरमीत का असली रंग नजर नहीं आया क्योंकि राम रहीम का स्कूली रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं था। जब राम रहीम नवीं क्लास में था उस वक्त उसे लड़की छेड़ने के आरोप में स्कूल से निकाल दिया गया था।

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