दिल्ली मेट्रो के एग्जिक्यूटिव कर्मचारी नहीं कर सकेंगे हड़ताल, उच्च न्यायालय ने लगाई रोक
दिल्ली मेट्रो : हाईकोर्ट ने नॉन एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। आज दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और कर्मचारियों के बीच बातचीत नाकाम होने के बाद मेट्रोकर्मियों ने शनिवार से हड़ताल पर जाने का फैसला किया था। हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 जुलाई को दिन मुकर्रर किया है। दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बड़ी राहत मिली है। गौरतलब है कि दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो सेवा शनिवार से प्रभावित होने वाली थी। शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) और नॉन एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों के बीच सुलह के सभी आसार खत्म हो गए।
दिल्ली मेट्रो के 9 हजार नॉन एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने इसके बाद शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय किया। इसी बीच रात करीब 8 बजे हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने संज्ञान लिया और मामले की अगली सुनवाई तक इस हड़ताल को स्थगित कर दिया। गौरतलब है कि पिछले दो दिनों से डीएमआरसी और नॉन एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों के बीच कई दौर की बैठकें हुईं। ऐसा कहा जा रहा है कि कर्मचारियों के द्वारा अड़ियल रवैये के कारण यह बातचीत नाकाम हो गई। नॉन एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों की दी मुख्य मांगों में पहली मांग है, डीएमआरसी कर्मचारी परिषद को कर्मचारी संघ में तब्दील करा कर पंजीकरण कराना, कर्मचारी संघ में तब्दील होने के बाद यह एक संवैधानिक समूह बन जाएगा, जबकि इंडस्ट्रियल डियरनेस अलाउंस (आईडीए) लागू करना इनकी दूसरी प्रमुख मांग है। गौरतलब है कि नॉन एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों में ट्रेन ऑपरेटर्स, टेकनीशियन, मेंटेनेंस स्टाफ, ऑपरेशन स्टाफ, स्टेशन कंट्रोलर सहित कई अन्य कर्मचारी शामिल होते हैं। मेट्रो के परिचालन में इन कर्मचारियों की भूमिका काफी अहम होती है।
दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली मेट्रो सेवा को चलाने में इनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। बीते 20 दिनों से डीएमआरसी के नॉन एग्जिक्यूटिव कर्मचारी दिल्ली के अलग-अलग मेट्रो स्टेशनों पर बाजू में काली पट्टी बांध कर सांकेतिक चेतावनी दे रहे हैं। पिछले साल जुलाई महीने में भी डीएमआरसी के नॉन एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था, लेकिन डीएमआरसी और नॉन एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों के बीच समझौते के चलते यह हड़ताल कुछ दिनों के लिए टल गई थी। दिल्ली मेट्रो के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बीते 19 जून से ही हाथ पर काली पट्टी बांध सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। मेट्रो प्रबंधन की ओर से कोई जवाब न मिलने से कर्मचारियों ने सभी सुविधाओं को छोड़ने और अपनी ड्यूटी के दौरान भूखा रहने का फैसला लिया था। इस दौरान कर्मचारियों ने अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन भी किया। मांगों के लेकर कर्मचारियों ने 29 जून से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल और 30 जून से अनिश्चितकालीन सेवा हड़ताल पर जाने का फैसला पहले से ही तय कर रखा था। क्षेत्रीय श्रम आयुक्त ने डीएमआरसी के अधिकारियों के साथ पिछले दो दिनों से बैठक की।