दस्तक टाइम्स/एजेंसी: नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में गोहत्या रोकने और गोमांस एवं इस प्रकार के उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने संबंधी एक कानून लागू करने की मांग करने वाली जनहित याचिका को शुक्रवार को खारिज करते हुए कहा कि यह एक विचार की ‘गलत व्याख्या’ है।
दिल्ली सरकार के वकील की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि यह रिट याचिका एक गलत विचार है और इसे खारिज किया जाता है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि वह कानून लागू करने के लिए कोई आदेश जारी नहीं कर सकती और इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार निर्णय ले सकती है।
अदालत ने कहा कि उन्हें इस मामले पर निर्णय लेने दीजिए। हम इस मामले में सुनवाई करने के लिए तैयार नहीं हैं। स्वामी सत्यानंद चक्रधारी ने याचिका दायर करके राज्य सरकार को यह आदेश दिए जाने की मांग की थी कि वह जम्मू-कश्मीर में लागू उस 1932 रणबीर आचार संहिता की तरह एक कानून लागू करे जिसके तहत गोहत्या और ‘इस प्रकार के पशुओं’ की हत्या करने पर 10 साल तक के कारावास की सजा सुनाने के साथ साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
वकील नवल किशोर झा के जरिए दायर की गई याचिका में राज्य सरकार को एक ‘गोकुल ग्राम’ स्थापित करने का आदेश देने की भी बात कही गई है।