जीवनशैली

दिवाली पर पटाखे छोड़ने के बाद हाथों को धोना न भूलें, नही हो सकते हैं गंभीर रोग

यूं तो आप जानते ही हैं कि पटाखों की वजह से न सिर्फ प्रदूषण, बल्कि शरीर को काफी नुकसान होता है। लेकिन शायद आपको नहीं पता कि जो लोग पटाखे जलाते हैं उन्हें कैंसर जैसे गंभीर रोग जल्दी होने की भी संभावना होती है।
डॉक्टरों के मुताबिक, पटाखों में जहरीला कैमिकल होता है, जो पटाखे जलाते वक्त हाथ पर लगा रहता है। ज्यादातर लोग अपने हाथ अच्छे से साफ न करते हुए कपड़े से पोंछ लेते हैं और इसके बाद भोजन करते हैं। जिसकी वजह से भोजन के साथ हाथ में लगा जहरीला रसायन शरीर के अंदर पहुंच रहा है। बच्चे और युवा ज्यादा लापरवाह होते हैं।  
मेदांता अस्पताल के डॉ. बोरनाली दत्ता के मुताबिक अस्थमा मरीज दिन में मास्क पहनकर घर से निकलें और रात में कहीं भी नहीं जाएं। क्यूआरजी के डॉ. दानिश कहते हैं कि अस्थमा मरीज अपने पास हर पल इनहेलर जरूर रखें। वहीं, मेदांता की डॉ. सुशीला कटारिया का कहना है कि लोगों को पटाखों के साथ साथ खानपान का भी ध्यान रखना चाहिए।  
मरीजों के लिए नहीं छोड़ें पटाखे     
एम्स ने अपील की है कि मरीजों के लिए जहर को वातावरण में घुलने न दें। डॉ. करण मदान कहते हैं कि हर साल पटाखों और प्रदूषण की वजह से एम्स में श्वास के मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाती है। वहीं, कई बार दिवाली की रात ही मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती करना पड़ता है। मैक्स के डॉ. हिमांशु अग्रवाल बताते हैं कि प्रदूषण के कारण आर्थरायटिस मरीज भी बढ़ते हैं। जिन्हें आर्थरायटिस की शिकायत है, वे दिवाली पर खास सतर्कता बरतें और डॉक्टर के संपर्क में रहें। 
जलने पर लगाएं हल्दी दूध का पेस्ट     
कालरा अस्पताल के डॉ. आरएन कालरा बताते हैं कि दिल्ली का प्रदूषण लोगों की हड्डियों तक को खोखला कर देता है। इसलिए पटाखे जलाते वक्त अपने पास पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें। माचिस की जगह मोमबत्ती से फुलझड़ी या पटाखे जलाएं। आतिशबाजी समतल एरिया में करें और जेब या हाथ में पटाखे न रखें। वे बताते हैं कि जलने पर हल्दी और दूध मिश्रित कर पेस्ट लगाएं। टूथपेस्ट या पेन की इंक भी जलने पर लगा सकते हैं और तत्काल नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लें।  
फैक्ट्स     
70 फीसदी बच्चे और युवा होते हैं पटाखों से प्रभावित।     
90 फीसदी मामलों में 10 साल तक के बच्चे पटाखों की वजह से बर्न का शिकार होते हैं।     
हर साल 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत  होती है    
7वें नंबर पर प्रदूषण की सूची में है भारत, डब्ल्यूएचओ कर चुका है अलर्ट ।  
 
 

Related Articles

Back to top button