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नागपंचमी पर हुई नागों की पूजा, शिव मंदिरों में रहा भक्तों का तांता

राजधानी के कई इलाकों में परम्परागत मेले लगे,  शाम को पीटी गयी गुड़िया और कुश्ती के आयोजन
लखनऊ। श्रावण शुक्ल पंचमी को हजारों लोगों ने नागों की पूजा की और उसके बाद शिव मंदिरों में जलाभिषेक एंव दुग्धाभिषेक किया गया। इस दिन कपड़े की बनाई गुड़ियों की पिटाई की गयी और कुश्तियों के आयोजन भी हुए। गुड़िया और नाग पंचमी पर गुड़िया का परम्परागत मेला हुसैनगंज और डालीगंज पुल पर लगा। इस मेले में बहुत से लोगों ने भाग लिया और खरीददारी भी की। राजधानी में भोर मे मनकामनेश्वर मंदिर में भोलेनाथ को नाग देवता का श्रंगार किया और उसके बाद आरती मठ की महंत देव्या गिरि ने की । इसके अलवा राजेंद्र नगर मे महाकाल, द्वादश ज्योर्तिलिंग मंदिर , मनकामनेश्वर , मंगलेश्वर मंदिर, कालेश्वर , मंदिरों में भी नागदेवता की पूजा की गयी और उनके दर्शन किये नागों को दूध पिलाया और धान व चना आदि अर्पित किये। मंदिरों के बाहर सपेंरों ने नागों के दर्शन श्रद्धालुओं को कराए इस दौरान नागों को दूध भी पिलाया गया। नाग पंचमी पर बहुत से लोगों ने कालसृप देाष की शांति के लिए मंदिरों में पूजा अर्चना की। मेले में बच्चो के लिए झूले लगे और आवश्यक वस्तुओं की लोगों ने खरीददारी की।

नागपंचमी पर पिछले सालों की तरह इस साल भी गिरधारी पहलवान अखाड़ा में महेश प्रसाद साहू की देखरेख में एक दंगल का आयोजन किया गया। इसमें शहर के आसपास जिले के अखाड़े के पहलवान ने बढ़चढ़कर भाग लिया। इस कुश्ती प्रतियोगिता में पांच सौ, दो सौ और सौ रूपए के नगद पुरस्कार दिये गए। पुरस्कार राम प्रकाश गुरू ने दिया। इस कुश्ती प्रतियोगिता में राम सागर, सतीश गुप्ता, मनीष साहू, मंगल संह, मो. आदिल , इरफान, राजा पहलवान ने कुश्ती में अपने अपने जौहर दिखलाए। बहुत से पहलवानों ने धोबी पाट मारा तो किसी ने कमर ठाक मार कर पहलवानों को चित किया। गुड़िया पर बहुत से नए पहलवान आए जिन्हें पुराने पहलवानों ने अपना चेला बनाया। इसके बाद बजरंग बली का श्रंगार किया गया और उसके बाद उनकी आरती उतारी गयी। नागपंचमी पर आलमबाग सहित कई अखाड़ो में कुश्ती के आयोजन किये गए जिसमें लोगों ने काफी रूचि दिखायी।

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