नॉर्थ कोरिया में छात्र को टॉर्चर करने पर, 3509 करोड़ हर्जाना देने का आदेश
अमेरिका के एक छात्र को नॉर्थ कोरिया में टॉर्चर किया गया था. बाद में बुरी हालत में उसे अमेरिका भेजा गया था, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई थी. अब अमेरिका की एक अदालत ने 2017 के इस मामले में नॉर्थ कोरिया को आदेश दिया है कि वह पीड़ित के परिजनों को 3509 करोड़ रुपये का हर्जाना दे.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, वॉशिंगटन के एक संघीय न्यायाधीश ने ओटो फ्रेडरिक वार्मबियर के माता-पिता को 3509 करोड़ भुगतान का आदेश दिया. अदालत ने नॉर्थ कोरिया को ‘बर्बर दुर्व्यवहार’ करने व वर्जिनिया विश्वविद्यालय के छात्र की 2017 में मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
अमेरिका डिस्ट्रिक कोर्ट फॉर द डिस्ट्रिक ऑफ कोलंबिया की मुख्य न्यायाधीश बेरेल एलन हॉवेल ने आदेश दिया कि नॉर्थ कोरिया को फ्रेड व सिंडी वार्मबियर को नुकसान की भरपाई करनी चाहिए. फ्रेड व सिंडी ओटो वार्मबियर के माता-पिता हैं. ओटो वार्मबियर की उत्तर कोरिया के जेल से छोड़े जाने के बाद शीघ्र ही मौत हो गई थी.
वार्मबियर एक पर्यटक समूह के साथ उत्तर कोरिया के दौरे पर गया था, जब उसे गिरफ्तार कर लिया गया और एक प्रोपोगेंडा पोस्टर चुराने के संदेह में मार्च 2016 में 15 साल के कठोर श्रम की सजा सुनाई गई थी. ओटो वार्मबियर के कोमा की हालत में अमेरिका लौटने के कुछ समय बाद उसकी मौत जून 2017 को हो गई.
वार्मबियर के माता-पिता ने अप्रैल में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के खिलाफ गलत व उपेक्षापूर्ण तरीके से मौत का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने उत्तर कोरियाई सरकार पर एक अरब डॉलर से ज्यादा का मुकदमा दायर किया था. उनका कहना है कि उनके बेटे व परिवार ने कष्ट का सामना करना पड़ा है.