नौकर ने ही उड़ाए सवा करोड़ के जेवर व नगदी
एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक, इंदिरानगर सेक्टर 25 में स्थित शेरवुड कॉलेज के चेयरमैन केबी लाल अपनी पत्नी पल्लवी व बच्चों के संग तीन साल पहले घूमने के लिए हल्द्वानी गए थे। वहीं के एक होटल के कर्मचारी खिलानंद भट्ट उर्फ आनंद को अपना घरेलू नौकर बनाकर लखनऊ ले आए।
आनंद ने धीरे-धीरे परिवार के सभी सदस्यों का दिल जीत लिया। तीन साल में केबी लाल के परिवार के लोगों को कभी उस पर शक नहीं हुआ। आनंद को घर के चप्पे-चप्पे की जानकारी थी।
शेरवुड कॉलेज के केयरटेकर मदन गोपाल श्रीवास्तव ने इसकी एफआईआर गाजीपुर थाने में लिखाई। एसओ गाजीपुर आलोक मणि त्रिपाठी की निगरानी में पुलिस टीम ने खिलानंद उर्फ आनंद की तलाश शुरू की।
शनिवार की रात उसे कुकरैल बंधे के पास कल्याण अपार्टमेंट के पीछे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से तीन लाख रुपये और सवा करोड़ रुपये के जेवरात भी बरामद हो गए।
एसओ गाजीपुर आलोक मणि ने बताया कि खिलानंद भट्ट उत्तराखंड में चंपावत रिठाशाहिब के गांव पिनाना का निवासी है। वह जेवर और नगदी लेकर उत्तराखंड भागने की कोशिश में था लेकिन इससे पहले ही दबोचा गया।
उसने इलेक्ट्रॉनिक लॉकर कोड डायल करके खोला था जबकि बेडरूम में रखी पल्लवी की आलमारी का लॉकर बेलचे से तोड़ दिया था।
एक झटके में अमीर बनने की चाहत में दिया वारदात को अंजाम
आरोपी खिलानंद ने पुलिस को बताया कि वह एक ही झटके में अमीर बनना चाहता था। उसने पहले कभी चोरी नहीं की, लेकिन जब केबी लाल के घर की चाभियां उसके हाथ में आईं तो उसकी नीयत डोल गई। वह जानता था कि पुलिस पहले दिन से ही उसकी तलाश करेगी। पुलिस से बचने के लिए वह चोरी के माल के साथ इधर-उधर घूमता रहा।
हालांकि बाद में जब खिलानंद के पास से चोरी का माल बरामद हुआ तो सोने चांदी के जेवरों की कीमत 1.25 करोड़ रुपये निकली और कैश तीन लाख मिले।
खिलानंद ने बताया कि एक सप्ताह में वह सिर्फ पांच-सात हजार रुपये ही खर्चा कर पाया। वह जेवर और कैश लेकर उत्तराखंड जाने की फिराक में था लेकिन सफल नहीं हो सका।
नहीं कराया सर्वेंट वैरीफिकेशन
बार-बार जागरूकता के बावजूद नौकरों का वैरीफिकेशन नहीं कराया जा रहा। शेरवुड कॉलेज के चेयरमैन केबी लाल ने अजनबी नौकर पर विश्वास तो कर लिया लेकिन कभी भी उसका पुलिस वैरिफिकेशन कराने की जरूरत नहीं समझी।