उत्तर प्रदेशफीचर्ड

पांच-पांच सौ समान्य और विशेषज्ञ डाक्टरों की संविदा पर होगी नियुक्ति

यूपी कैबिनेट ने लिए कई  निर्णय
– पिछड़े जिलों में डाक्टरों के तबादलों के लिए बनी तबादला नीति
– परियोेजनाओं की स्वीकृति के लिए डीपीआर जरूरी
– सैमसंग और इन्टैक्स की परियेाजनाओं को मिली मंजूरी  
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में मंत्रिपरिषद की हुई बैठक में चिकित्सकों और विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए चिकित्सा विभाग से रिटयर हुए डाक्टरों की एक और दो साल के लिए संविदा पर नियुक्ति का फैसला लिया गया है। इनके अलावा मंत्रिपरिषद ने डाक्टरों के तबादलों के लिए नई नीति को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत डाक्टर केंद्र सरकार के बने साफ्टवेयर मानव सम्पदा में अपने विकल्प देगे जिसके बाद डाक्टरों की तीन सदस्यीय समिति उन लोगो के तबादले करेगी। मंत्रिपरिषद ने आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे के लिए टोल टैक्स निर्धारण के लिए कन्सलटेंट नियुक्त करने का फैसला लिया  है। सरकार ने इन्टैक्स टेक्नोलोजी और सैमसंग की प्रदेश में 1886 करोड़ के निवेश की स्वीकृति दे दी।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंत्रिपरिषद के निर्णयों के बारे में बताया कि राज्य में चिकित्सकों के 18382पद हैं जिनमें से 7348 डाक्टरों के पद खाली हैं। लोक सेवा आयोग को डाक्टरों की भर्ती करने में काफी समय लगता है। इसलिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो और पिछड़े जिलों में डाक्टरों की तैनाती के लिए एक हजार रिटायर्ड डाक्टरो की नियुक्ति की जाएगी जिसमें पांच सौ विशेषज्ञ और पांच सौ एम बी बी एस डाक्टरों की नियुक्ति एक साल से दो साल के लिए की जाएगी। इसके लिए आन लाइन आवेदन लिये जाएगें।  इन डाक्टरों से प्रशासनिक कार्य नही लिया जाएगा यह परामर्श चिकित्सक के रूप में तैनात होेंगे। एमबीबीएस डाक्टर के लिए मानदेय 50 हजार से 65 हजार तक प्रति माह होगा। जो डाक्टर सी और डी श्रेणी के जिलों में काम करना चाहेगे उन लोगो को प्रोत्साहन के रूप में पचास हजार और दिया जाएगा। विशेषज्ञ डाक्टरों के लिए 80हजार प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। सी और डी श्रेणी के जिलों में इनको मानदेय एक लाख बीस हजार दिया जाएगा। उन्होने बताया कि इन डाक्टरों के चयन के लिए तीन सदस्यीय समिति बनेगी जिसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक अध्यक्ष होंगें और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं अन्य एक नामित सदस्य होंगे।
डाक्टरों के तबादले के लिए नई नीति बनी
श्री सिंह ने दूसरे निर्णय के बारे मे बताया कि अभी तक चिकित्सा विभाग के डाक्टरों के तबादले के लिए नीति नही थी। मंत्रिपरिषद ने इसके लिए चिकित्सक तबादला नीति को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि छोटे और पिछडे जिलों मे अक्सर डाक्टर जाने से कतराते थे। अब तबादला नीति के तहत ए श्रेणी के लखनऊ , कानपुर मेरठ गौतमबुद्धनगर मेरठ इलाहाबाद आगरा सहित 16 जिले हैं। बी श्रेणी के जिलों में फैजाबाद , मऊ देवरिया सहित 29 जिले है। तीसरी श्रेणी में औरैया जालौन बांदा सहित 19 एवं श्रेणी डी में ललितपुर चित्रकूट श्रावस्ती सिद्धार्थन गर सहित 11 जिले हैं। उन्होने कहा कि डाक्टरों के तबादले एक फरवरी से 31 मार्च तक होंगे। इसके लिए डाक्टरों के निजी अनुरोध , प्रशासनिक , जनहित में तबादले किये जाएगें। उन्होने कहा कि डाक्टर पति पत्नी एक जगह रखे जाएगें। जिन डाक्टरो के बच्चे कक्षा दस और बारह मे हैं उनको तबादलो से छूट रहेगी इसके अलावा यदि डाक्टर के पति या पत्नी यदि गंभीर रोग से ग्रसित हैं। उनका तबादला नहीं होगा। श्री सिंह ने कहाकि  जिन डाक्टरों की सेवा पांच साल दस साल है वह ग्रेड सी और डी में ही तबादले का विकल्प दे सकेंगे। दस साल से अधिक सेवा वाले डाक्टर सी और डी के अलावा बी श्रेणी के जिलों मे जा सकेंगे। दस साल से अधिक सेवा वाले डाक्टर डी बी सी के अलाव ए श्रेणी के  जिलों में जा सकेंगे। उन्होेने कहा कि इस निर्णय से प्राइमरी हेल्थ सेंटरों और छोटे जिलों को भी डाक्टर मिल सकेंगे।
उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिकारी सेवा 2017 में संशोधन
अगले फैसले के बारे में श्री सिंह ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिकारी सेवा 2017 में संशोधन किया गया है। उन्होने बताया कि अब तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के लिए लिपिकों के लिए 39 प्रतिशत था स्टैनों के लिए दस प्रतिशत एवं लेखा के लिए एक प्रतिशत कोटा रखा गया था उसे मंजूरी दे दी गयी है।
परियोजनाओं  की मंजूरी के लिए अब डीपीआर जरूरी
मंत्रिपरिषद ने विकास परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए निर्णय लिया है कि परियोजनाओं की मंजूरी देते समय डीपीआर पेश करनी होगी। साथ ही परियोजना की संभावित लागत और कार्य पूरा होने का समय बताना होगा। साथ ही उस परियोजना के लिए जमीन कहां से ली जाएगी या निशुल्क प्राप्त करनी है तो उसका विवरण देना होगा तभी परियोजना को मंजूरी की जाएगी। उन्होने कहा कि बहुत सी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है उसके बाद उसके लिए जमीन तक नही ली गयी जिससे परियोजना को देरी हुई और उसकी लागत भी बढ़ जाती है। उन्होने कहा कि राज्य में बहुत सी परियोजना अभी अधूरी हैं जिससे उनकी लागत बढ़ गयी है इसलिए इन परियोजनाओं की नियमित मानटरिंग की जाएगी।
आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे से टोल टैक्स वसूली का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर जाने वाले यात्रियों से टोल टैक्स वसूली का निर्णय लिया है। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे में टोल टैक्स वसूली के लिए कन्सलटैंट नियुक्त करने को मंजूरी दी है। इसके अलावा टोल टैक्स के लिए बिडिंग करने को भी स्वीकृति दी गयी। इसके लिए अनुश्रवण समिति बनेगी। उन्होने कहा कि इस मार्ग पर एडवांस ट्राफिक सिस्टम केा भी ंमंजूरी दी गयी इसके लिए मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे और इस मार्ग पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित होगा।
इन्टैक्स टैक्नालोजी और सेमसंग की परियेाजनाओ को स्वीकृति    
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि सैमसंग ने प्रदेश मं 1886 करोड़ केे निवेश की सरकार से अनुमति मांगी थी जिसे स्वीकृति दे दी गयी है। इस कंपनी को उद्योग नीति 2012 के तहत यह सुविधाएं दी जाएगी। उन्होने कहा कि इन्टैक्स टैक्नालोजी भी ग्रेटर नोएडा में 372 करोड़ का निवेश करेगा। मंत्रिपरिषद ने इसे भी अपनी मंजूरी दे दी है।
 

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