प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और उनके सुधार एजेंडों की कसौटी के तौर पर देखे जा रहे पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के रुझान आने शुरू हो गए हैं। लोकसभा चुनाव 2019 के सेमीफाइनल के तौर पर भी देखे जा रहे इन चुनावों को गेमचेंजर माना जा रहा है।
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लंबे इंतजार के बाद शनिवार को यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के ताज की बादशाहत को लेकर जारी सस्पेंस से परदा हटेगा। चुनाव बेशक पांच राज्यों के हैं मगर देश-दुनिया की नजरें यूपी के परिणाम पर ज्यादा टिकी हैं यूपी चुनाव के परिणामों को लेकर राजनीतिक दलों से लेकर खुद चुनाव आयोग तक उत्साहित है। राजनीतिक दल अपनी सियासी जीत-हार को लेकर परिणाम पर नजरें जमाए हुए हैं।
भाजपा ने की केसरिया होली की तैयारी
जीत को लेकर उत्साहित भाजपा ने केसरिया होली की तैयारी की है। चुनाव नतीजों का लंबा सियासी लाभ उठाने के लिए पार्टी मुख्यालय के बगल वाले बंगले 9 अशोक रोड में मीडिया के लिए खास इंतजाम किया गया है। एग्जिट पोल में पार्टी की दिख रही खुशनुमा तस्वीर से भाजपा के शीर्ष नेता जीत को लेकर आशान्वित हैं। मगर बिहार का सबक भी उन्हें याद है। इसलिए तमाम तैयारियों के बावजूद भी पार्टी ने इसका प्रचार नहीं किया है।
चुनाव आयोग ने की तेज नतीजे पहुंचाने की तैयारी
उधर, चुनाव आयोग ने जनता के सामने फटाफट चुनाव नतीजों से लेकर उसका ट्रेंड पहुंचाने के लिए कमर कस ली है। वह आंकड़ों के जरिये वर्ष 2012 के चुनाव नतीजों के साथ वर्तमान नतीजों की लाइव तुलनात्मक जानकारी देगा।
यूपी के परिणामों पर रहेगी भाजपा की नजर
केसरिया होली की तमाम तैयारियों के साथ भाजपा ने सजगता भी बरती है। पार्टी को यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में जीत का तो पूरा विश्वास है। मगर परिणाम की स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही पार्टी नेता और कार्यकर्ता अपनी जीत का इजहार करेंगे। यही वजह है कि शनिवार को होने वाली संसदीय बोर्ड के बैठक का पार्टी ने औपचारिक ऐलान नहीं किया है।
यूपी के परिणामों को देखकर ही संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाने पर तत्काल निर्णय होगा। दिल्ली से आने वाले कार्यकर्ताओं को भी सुबह ही पार्टी मुख्यालय पहुंचने का संदेश दिया जाएगा। वैसे केसरिया होली मनाने का सामान मंगाकर पार्टी मुख्यालय में रख दिया गया है। मगर इसका इजहार परिणाम स्पष्ट होने के बाद ही होगा।
साथ ही मीडिया और पार्टी मुख्यालय पहुंचने वाले कार्यकर्ताओं के लिए मिठाई और कुछ भोजन का भी इंतजाम है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी के प्रवक्ता बेशक सुबह से मीडिया की कमान संभालेंगे। लेकिन बड़े नेताओं का मुख्यालय पर आगमन 10 बजे के बाद ही होगा।
पहली बार नए प्रयोग करेगा आयोग
पहली बार चुनाव आयोग नया प्रयोग करने जा रहा है। आयोग ट्रेंड और नतीजों के साथ-साथ यह भी बताता चलेगा कि पिछले चुनाव की मतगणना के दौरान किस दल की क्या स्थिति थी। आयोग की वेबसाइट पर लाइव रिजल्टस के सेक्शन पर जाकर क्लिक करने से पल-पल की जानकारी ली जा सकती है।
प्रवक्ताओं को नसीहत
सूत्र बताते हैं कि भाजपा आलाकमान ने मीडिया के सामने पेश होने वाले नेताओं को कड़ी नसीहत दी है कि वे शुरुआती दौर में उत्साहजनक बयानबाजी से बचें। जीत की स्थिति देखने के बाद ही वे अपना रूख तय करें।
पार्टी ने बिहार से सबक लेते हुए यह निर्देश दिए हैं। बिहार परिणाम के दिन शुरुआती परिणाम को देखते ही नेताओं ने बयानबाजी शुरू करने के साथ जीत का जश्न शुरू कर दिया था। मगर चंद घंटों के बाद उनकी खुशी गम में बदल गई थी। जिसके वजह से पार्टी नेतृत्व को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा था।
इसलिए पार्टी ने इस दफे बेहद सजगता बरतना ही मुनासिब समझा है। दरअसल शुरुआती दौर में पोस्टल वोटों की गणना होती है। जिसमें अक्सर भाजपा मजबूत रहती है।
पार्टी ने बिहार से सबक लेते हुए यह निर्देश दिए हैं। बिहार परिणाम के दिन शुरुआती परिणाम को देखते ही नेताओं ने बयानबाजी शुरू करने के साथ जीत का जश्न शुरू कर दिया था। मगर चंद घंटों के बाद उनकी खुशी गम में बदल गई थी। जिसके वजह से पार्टी नेतृत्व को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा था।
इसलिए पार्टी ने इस दफे बेहद सजगता बरतना ही मुनासिब समझा है। दरअसल शुरुआती दौर में पोस्टल वोटों की गणना होती है। जिसमें अक्सर भाजपा मजबूत रहती है।