नई दिल्ली। क्या कभी आपने सोचा है कि शरीर के हर अंग में लोग सोने के बने आभूषण तो पहनते हैं लेकिन पैरों में हमेशा चांदी की ही पायल पहनी जाती है क्यों?
शायद नहीं..तो आज हम आपको इसका राज बताते हैं, दरअसल श्रृंगार का सीधा संबंध मां लक्ष्मी के रूप से होता है जो कि भगवान विष्णु की प्राण-प्रिया हैं। मां लक्ष्मी हर वो चीज करती हैं जो उनके पति विष्णु जी को पसंद होती है।
सोना विष्णु को परमप्रिय है और इसी कारण सोने के बने आभूषण सिर्फ नाभि के ऊपर के अंगों में पहने जाते हैं। पैरों में पहनकर हम संसार के पालक श्रीहरि विष्णु का अपमान तो नहीं कर सकते हैं इसी कारण पैरों में सोना छोड़कर हर धातु के आभूषण पहने जाते हैं।
जानिए पायल का महत्व
पायल मूल रूप से चांदी की होती है। चांदी चंद्रमा की धातु है, चंद्रमा शरीर में मन का कारक होता है। पाजेब में बजने वाले घुंघरू मन को भटकने से रोकते हैं और पूरे परिवार को एक धागे में पिरोकर रखने का संदेश देते हैं।