प्रत्येक महिला को महिला होने पर गर्व होना चाहिए -रीता बहुगुणा जोशी
सी.एम.एस. में ‘अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन’ का भव्य आयोजन
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आज एक-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का आयोजन हुआ। ‘नारी के प्रति हिंसा को रोकने में मीडिया, स्कूल व समाज की भूमिका’ विषय पर आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न देशों से पधारे मीडिया संस्थानों के प्रमुख, पत्रकारों, शिक्षाविदों एवं न्यायविदों आदि ने अपने सारगर्भित विचारों से सामाजिक जागरूकता की अनूठी मिसाल प्रस्तुत की एवं महिलाओं पर होने वाले अपराध व हिंसा संदर्भ में मीडिया, समाज तथा स्कूल की भूमिका पर व्यापक चर्चा-परिचर्चा की। इससे पहले, मुख्य अतिथि रीता बहुगुणा जोशी, मंत्री, महिला एवं परिवार कल्याण, उ.प्र., ने दीप प्रज्वलित कर अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर देश-विदेश से पधारे प्रख्यात पत्रकारों व शिक्षाविदों व मूर्धन्य विद्वजनों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा में चार-चाँद लगा दिया। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि समेत देश-विदेश से पधारे सभी विद्वजनों का हार्दिक स्वागत अभिनंदन किया।
मुख्य अतिथि रीता बहुगुणा जोशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रत्येक महिला को महिला होने पर गर्व होना चाहिए। नारी सशक्तीकरण कानूनों के सशक्तिकरण से नहीं होगा अपितु महिलाओं को स्वयं को सशक्त महसूस करने की आवश्यकता है। दुनिया की आधी आबादी महिलायें हैं। हमें सारा आसमान नहीं चाहिए परन्तु स्वयं के लिए उपयुक्त स्थान अवश्य चाहिए। श्रीमती जोशी ने कहा कि महिलाएं समाज के विकास व उत्थान की धुरी हैं, अतः सामाजिक विकास से महिलाओं को जोड़ना अत्यन्त आवश्यक है। सी.एम.एस. के इस आयोजन पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया, स्कूल व समाज का सक्रिय सहयोग नारी सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है। अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन में देश-विदेश से पधारे मीडिया प्रमुखों, पत्रकारों, शिक्षाविदों एवं न्यायविदों आदि ने ‘नारी के प्रति हिंसा को रोकने में मीडिया, स्कूल व समाज की भूमिका’ पर सारगर्भित परिचर्चा करते हुए हिंसा के कारणों, परिस्थितियों एवं उनके समाधान पर व्यापक चर्चा की। इस अवसर पर बोलते हुए डा सुतापा सान्याल, डायरेक्टर-जनरल, महिला सम्मान प्रकोष्ठ, उ.प्र. पुलिस, ने कहा कि स्त्री-पुरुष में समानता आवश्यक है। मीडिया में जन-मानस की सोच को उद्वेलित करने की क्षमता है और उन्हें घटनाओं को प्रमुखता से दिखाना होगा। जवाहर सरकार, पूर्व चीफ एक्जीक्यूटिव कमेटी, प्रसार भारती, नई दिल्ली का कहना था कि परिवार व शिक्षक बदलाव के उपकरण बने क्योंकि वही बच्चों को अच्छा नागरिक बनाते हैं। अमिताभ अग्निहोत्री, एक्जीक्यूटिव एडीटर, ईटीवी, ने कहा कि भेदभाव एवं असमानता की शुरूआत घर से ही हो जाती है, अतः इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी ऋषि खन्ना ने देश-विदेश से पधारे विद्वजनों का स्वागत करते हुए कहा कि सी.एम.एस. का मिशन है कि बच्चों को शैक्षिक ऊचाइयाँ प्रदान करने के साथ उन्हें समाजिक सरोकारों से भी जोड़े। जो बच्चे विद्यालय में समानता का व्यवहार करना सीख जाते हैं, वही आगे चलकर समाज में परस्पर सम्मान की भावना को जगाते हैं। अपरान्हः सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में देश-विदेश के विद्वजनों के बीच चले विचार-विमर्श का निष्कर्ष बताते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि देश-विदेश से पधारे मीडिया प्रमुखों, पत्रकारों व अन्य विद्वजनों की आम राय थी कि महिलाओं व बालिकाओं को समाज में उनका उचित स्थान व मान-सम्मान दिलाकर ही आदर्श समाज की स्थापना की जा सकती है। महिलाओं व बालिकाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसावृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए विद्वजनों ने कहा कि इस ज्वलन्त प्रश्न पर मीडिया को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के अनुरूप जन-मानस को प्रेरित करना होगा तो वहीं दूसरी ओर परिवार, विद्यालय व समाज को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के अनुरूप भावी पीढ़ी में संस्कारों व जीवन मूल्यों का विकास करना होगा। अपनी तरह के इस अनूठे सम्मेलन में देश-विदेश की प्रख्यात हस्तियों एवं प्रेस व मीडिया से जुड़े मूर्धन्य विद्वानों ने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराकर महिला सशक्तिकरण का जोरदार उद्घोष किया। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने कहा कि सी.एम.एस. के आमन्त्रण पर देश-विदेश के मीडिया प्रमुखों, पत्रकारों, मनोवैज्ञानिकों व न्यायविदों का एक मंच पर आना निश्चित ही एक क्रान्तिकारी कदम है, जो समाज को एक नई दिशा देने में सहायक होगा।