नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रवासी भारतीय समुदाय को भारत के विकास की कहानी में सकिय रूप से भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि सरकार प्रवासी भारतीयों को आधार कार्ड देने पर विचार कर रही है।
सुषमा ने प्रवासी भारतीय दिवस के पहले सीमित संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि यह निर्णय किया गया है कि महिला श्रमिकों को खाड़ी देशों में रोजगार के लिए केवल सरकारी एजेंसियों के जरिये ही जाने की इजाजत दी जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें भर्ती एजेंटों या कंपनियों से धोखा नहीं मिलेगा।
प्रवासी भारतीय दिवस को सभी भारतीय मिशन और पोस्ट द्वारा वेबकास्ट किया गया। प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय का विदेश मंत्रालय में विलय के बाद प्रवासी भारतीय दिवस का पहली बार विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजन किया गया।
इससे पहले प्रवासी भारतीय मामलों का मंत्रालय कार्यक्रम का आयोजन करता था। 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में चुना गया, क्योंकि इसी दिन 1915 में ‘सबसे महान प्रवासी’ महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए लौटे थे।
सुषमा ने प्रवासी भारतीय समुदाय से कहा कि वह सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लें, जैसे कौशल भारत, डिजिटल भारत और निर्मल गंगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि आधार कार्ड योजना प्रवासी भारतीयों को भी मुहैया कराई जाए।
उन्होंने कहा, अभी तक आधार कार्ड उन भारतीयों को दिया जाता है जो भारत में रहते हैं। यह प्रवासी भारतीयों के लिए नहीं है। यद्यपि आपको यह जानकार प्रसन्नता होगी कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि कार्ड प्रवासी भारतीयों को उसी तरह से दिया जाए, जैसे यह भारत में रहने वालों को जारी किया जाता है।