प्रेग्नेंट होने का क्या है सही समय, और तरीका
नई दिल्ली: हमरे जीवन की सबसे अहम् बात यह होती है की हम अपने जीवन का सबसे अनुभविपाल जो की माता-पिता का होता है वह भी आता है। भले ही आबादी पर नियंत्रण पाना एक असंभव सा प्रयास साबित हो चला है, पर ये भी सच है कि जिनकी अपनी औलाद नहीं उनके लिए सारा जग सूना-सूना सा होता है। जीवन में माँ बाप बनना दुनिया के तमाम अहम् एहसासों में से एक होता है। वैसे तो प्रेगनेंट होना बहुत आसान होता है, पर ऐसी किस्मत सभी की नहीं होती। बहुत से जोड़े ऐसे हैं जिनके कमजोर या कम स्पर्म काउंट होने के कारण उन्हें कंसीव करने में दिक्कत होती है। कई बार महिला साथी का शरीर इतनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार नहीं होता, तो कभी पुरुष साथी में कुछ कमियां होती हैं। और कई बार ऐसा होता है कि दोनों के सम्भोग के तरीकों या सही समय में कुछ चूक हो जाती है, जिससे उन्हें महसूस होता है की सब सही होते हुए भी कंसीव नहीं कर पा रहे तो शायद उनकी किस्मत में कोई दोष है। पर हर चीज किस्मत पर छोड़ना सही नहीं। ऐसे में प्रकृति के अलावा दोनों पार्टनर को साथ मिलकर कुछ एफर्ट्स करने की जरूरत है। सबसे पहले तो दोनों पार्टनर्स को मेडिकल चेक- अप करवाकर किसी अंदरूनी कमी के होने न होने की पुष्टि कर लेनी चाहिए। ओवरी से एक बार रीलीज़ होने के बाद ओव्युलेशन स्टेज के दौरान एग फलोपियन ट्यूब से यूटरस यानि बच्चेदानी की तरफ चलने लगता है। एक एग ज्यादा से ज्यादा 24 घंटों तक जीवित रहता है, वहीं एक स्पर्म फीमेल बॉडी के अंदर 5 दिन तक सलामत रह सकता है। स्पर्म और एग आपस में मिलें, इसके लिए जरूरी है कि मिलन के वक्त वे ऐक्टिव हों। वरना कंसीव करना मुमकिन नहीं।इसलिए बताई बातों का ध्यान रखें जो आपको कंसीव करने में हेल्प करेंगी।
1. सही समय पर प्रयास करें
कुछ लोग काम के दबाव तथा अन्य जुड़े कारणों से पर्याप्त मात्रा में सेक्स की क्रिया को अंजाम नहीं दे पाते। लेकिन अगर आप कंसीव चाहती हैं, और एक बार सेक्स से कोई फायदा ना हो तो उर्वर दिनों (fertilizing days) को ध्यान में रखते हुए सेक्स की क्रिया को बार बार दोहराना काफी असरदार साबित हो सकता है। महिलाओं का मासिक धर्म 28 से 30 दिनों का होता है, जिसमें से 14 वें दिन वे सबसे ज़्यादा उर्वर अवस्था में रहती हैं। अतः आपको सम्भोग की क्रिया के लिए इस दिन के आसपास के समय को प्रेफर करना चाहिए। इस दौरान सेक्स करने से प्रेग्नेंट होने के चांसेस काफी बढ़ जाते है।
2. सेक्स पोजीशन
कंसीव करने के लिए सेक्स के दौरान पोजिशन की काफी अहमियत है। प्रेगनेंट होने के लिए बेस्ट पोजिशन अपनाने का मतलब है मेल स्पर्म्स को फीमेल सर्विक्स के एकदम पास छोड़ना, ताकि गर्भ ठहर सके। कपल्स को कंसीव करने के लिए खड़े होकर, बैठकर या महिला का पुरुष के ऊपर होकर सेक्स करने जैसे पोजीशन को अवॉयड करना होगा क्योंकि इन पोजीशन से स्पर्म और एग का मिलन मुश्किल हो जाता है। सो प्रेग्नेंट करने के लिए सेक्स पोजीशन का खास ख्याल रखें। कंसीव करने के लिए Doggy स्टाइल यानि रीयर एंट्री पोजिशन, मिशनरी पोजिशन और स्पून सेक्स, साइड बाय साइड जैसे सेक्स पोजीशन अपनाएं और हाँ सेक्स के दौरान हिप्स ऊंचाई पर रखें।
3. वजन रखें संतुलित
कई बार वज़न ज़्यादा होने की वजह से महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्कतें आती हैं। इसलिए कंसीव करने के लिए पुरुष और महिला दोनों का ही स्वस्थ रहना काफी ज़रूरी है। अत्याधिक वज़न वाली महिलाओं को इनफर्टिलिटी की समस्या होने की संभावना काफी ज़्यादा होती है। लिहाजा गर्भधारण का प्रयास करने से पहले महिलाओं को 2 से 3 महीने तक व्यायाम करके अपना वज़न कम करने का प्रयास करना चाहिए।
4. केमिकल्स से रहें दूर
कारखानों, कीटनाशक,प्रयोगशालाओं के ज्यादा संपर्क में आने से महिलाओं को इनफर्टिलिटी की समस्या घेर सकती है। इसलिए अगर आप कंसीव करना चाहती हैं तो ऐसी चीजों से दूर रहने की कोशिश करें।
5. दोनों का ऑर्गैज़म बेहतर
गर्भ धारण करने के लिए ऑर्गैज़म बहुत जरूरी होता है। वैसे इसका सेक्शुअल पोजिशन से तो कोई लेना देना नहीं है, लेकिन संभोग के दौरान पुरुष के साथ ही महिला को भी ऑर्गैजम होना बेहद जरूरी है। दोनों का क्लाइमेक्स तक पहुचने से कंसीव करने की सम्भावना बढ़ जाती है। अध्ययन में पाया गया है कि आर्गैज़म के दौरान फीमेल ऑर्गन में कुछ इस तरह का कॉन्ट्रैक्शन होता है, जिससे स्पर्म्स सर्विक्स की तरफ धकेले जाते हैं।
6. आफ्टर सेशन
हमेशा इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि फीमेल सर्विक्स तक पहुंचकर एग से मिलन करने के बजाए स्पर्म कहीं वजाइना से बाहर न आ जाएं। सेक्स के दौरान वुमन के हिप्स कुछ ऐसी पोजिशन में होने चाहिए, जिससे रीलीज के बाद स्पर्म अंदर ही रहें और उन्हें फीमेल सर्विक्स तक पहुंचने के लिए काफी समय मिले। सेक्स करने के दौरान कोई भी गर्भनिरोधक और तेल या किसी भी प्रकार की जेली का इस्तमाल ना करें। एक और ख़ास बात आप इन पोजीशंस को तो आप अपनाएं ही पर इस दौरान टेन्स होने के बजाय अपने इंटरकोर्स का आनंद आनंद लें।