NEW DELHI: भारत में नोटंबदी को देखते हुए वेनेजुएला देश ने भी इसी राह पर चलने की कोशिश की ही थी कि जल्द ही वेनेजुएला सरकार को अपना ये फैसला रद्द करना पड़ा।
दरअसल वेनेजुएला में एक हफ्ते से चल रही नोटबंदी से पैदा हुई स्थिति को देखते हुए सरकार ने इस फैसले को रद्द कर दिया है।वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदूरो ने नोटबंदी विफल होने के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने का आरोप लगाया है। देश की सुप्रीम कोर्ट ने भी वहां नोटबंदी की वजह से हुए दंगों को देखते हए पीएम को अदालत में बुलाया है।
वेनेजुएला की सरकार की तरफ से कहा गया है कि 100 बोलिवर के बैंक नोट हटाए जाने की नीति पर अभी 2 जनवरी तक कोई अमल नहीं किया जाएगा। ये नोट तब तक के लिए चलन में बने रहेंगे।कई दिनों की आर्थिक अफरा-तफरी को देखते हुए नोटबंदी की नीति में सरकार को ये फेरबदल करना पड़ा।
राष्ट्रपति निकोलस मदूरो ने 12 दिसंबर को देश में तत्काल प्रभाव से अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी करेंसी 100 बोलिवर को प्रतिबंधित कर दिया है।इसके बदले वेनेजुएला सरकार ने 500, 2000 और 20,000 बोलिवर की नई करेंसी जारी की थी।
वेनेजुएला सरकार ने यह कदम सीमापार कोलंबिया में माफिया द्वारा राष्ट्रीय करेंसी बोलिवर की होर्डिंग और देश में लगातार बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए उठाया था।बता दें कि वेनेजुएला में भी भारत की तरह ही नोटबंदी के इस फैसले के बाद नोट बदलने या जमा करने के लिए लंबी कतारें देखने को मिली। नकदी के संकट के कारण लोगों को लेन-देन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।