खानपुर के कर्णपुर गांव में 14 जून 2014 में गांव के ही पहल सिंह और विजय सिंह पक्ष के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी।
विजय सिंह की पत्नी संगीता ने अपने मायके बिजोपुरा थाना छपार, मुजफ्फरनगर यूपी में इसकी सूचना दी थी। जिस पर संगीता के मायके से दर्जन भर लोग हथियारों से लैस होकर अगले दिन 15 जून को कर्णपुर गांव पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग की थी। जिसमें कांता पत्नी बृजमोहन और उर्मिला पत्नी ओम प्रकाश की गोली लगने से मौत हो गई थी।
उर्मिला के बेटे मनोज ने योगेश और प्रवेन्द्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। तत्कालीन एसओ खानपुर कमल मोहन भण्डारी ने जांच के आधार पर अन्य आठ लोगों के खिलाफ भी हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।
मगर फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि जो छर्रे मृतक महिलाओं के शरीर से पाए गए, वह उन्हीं तमंचों से चली गोलियों के थे जो आरोपियों से बरामद किए गए। लिहाजा एडीजे सुजीत कुमार की अदालत ने फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर हत्या मे शामिल रहे योगेश, प्रवेन्द्र, सोनू, प्रदीप, मोनू, अरुण, अशोक, प्रदीप, पप्पन उर्फ बिजेन्द्र और नीरज को उम्रकैद की सजा सुनाई।
आरोपियों ने पुलिस के दबाव मे जुर्म कुबूलने का दावा किया लेकिन कोर्ट ने उनका आरोप ये कहकर खारिज कर दिया था कि कोर्ट में किसी पर कोई दबाव नहीं हो सकता।