बच्चों को संक्रामक बीमारियों से बचायें
सर्दियों के मौसम में बच्चों को विशेष देखभाल की जरुरत पड़ती है। इस मौसम बच्चे जल्दी-जल्दी बीमार भी पड़ जाते है। डेंगू बुखार जैसी संक्रामक बीमारियों के चपेट में भी बच्चे जल्दी आ जाते हैं। डेंगू का वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू वायरस से सिर्फ वयस्क ही नहीं बल्कि बच्चे भी खासा प्रभावित होते है। डेंगू का जितना खतरा व्यस्कों में रहता है, उससे कहीं अधिक बच्चों में भी रहता है।
डेंगू से पीड़ित अधिकतर लोग अत्यंत कमजोरी अनुभव करते हैं। यह रोग होने के कुछ समय बाद तक रह सकता है।
डेंगू बुखार एडीज मच्छरों द्वारा फैलाए गए एक जैसे चार वायरसों द्वारा उत्पन्न होता है, जो दुनिया भर के उष्णकटिबंधीय और निम्न उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आम रूप से पाए जाते हैं।
जब कोई मच्छर डेंगू वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति को काटता है, तो वह मच्छर स्वयं संक्रमित हो जाता है और जब यह मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है, तो वह व्यक्ति डेंगू बुखार से ग्रस्त हो सकता है। संक्रमित मच्छर रोग के वाहक के रूप में कार्य करता है और इस प्रकार यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है।
डेंगू बुखार एक उष्णकटिबंधीय रोग है जो मच्छरों द्वारा वहन किये गए वायरस द्वारा होता है। यह वायरस बुखार, सिरदर्द, निशान, और शरीर में दर्द उत्पन्न कर सकता है। डेंगू बुखार के अधिकतर मामले मंद होते हैं। हालाँकि एक बार डेंगू बुखार का निर्धारण हो जाने के बाद, प्रतिदिन प्लेटलेट हेतु किये जाने वाले रक्त परीक्षण के माध्यम से रोगी पर निगाह रखी जानी चाहिए।
डेंगू बुखार के अधिकतर मामले मंद होते हैं; वे एक या दो सप्ताह में चले जाते हैं। एक बार बच्चों को यह रोग होने पर, वे खास उस प्रकार के वायरस के लिए प्रतिरक्षी हो जाते हैं।
रोग का निर्धारण चिकित्सीय परीक्षण और रक्त परीक्षण द्वारा होता है।