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बाजार की सुस्त शुरुआत, डॉलर के मुकाबले रुपये में ऐतिहासिक गिरावट

 वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, वाहन, धातु और बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में बिकवाली से आज शुरुआती कारोबार में घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती दिखी। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सूचकांक 288 अंक से अधिक गिरा जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 11,400 अंक के नीचे चला गया। 

कारोबारियों ने कहा कि वॉल स्ट्रीट के साथ एशियाई बाजारों में सुस्ती और तुर्की की मुद्रा लीरा में गिरावट से घरेलू शेयर बाजार पर दबाव रहा।

बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक 288.16 अंक यानी 0.76 प्रतिशत गिरकर 37,581.07 अंक पर आ गया। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 155.14 अंक गिरा था।

वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुरुआती दौर में 83.75 अंक यानी 0.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,345.75 अंक पर रहा।

प्राथमिक आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 457.83 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध लिवाली की जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने शुद्ध रूप से 510.66 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। 

तुर्की की मुद्रा लीरा में तेज गिरावट के बीच निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने से एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट रही।

एशियाई शेयर बाजार में, हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक शुरुआती कारोबार में 1.44 प्रतिशत और जापान का निक्केई सूचकांक 0.83 प्रतिशत गिरा जबकि शंघाई कंपोजिट सूचकांक 0.94 प्रतिशत लुढ़का।
रुपये में भारी गिरावट
पिछले हफ्ते लगातार ऊंचाई पर रहने के बाद  शेयरबाजार और रुपये ने इस कारोबारी हफ्ते की शुरुआत गिरावट के साथ की। सोमवार को रुपये में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। डॉलर के मुकाबले रुपये 69.49 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इस गिरावट की वजह आर्थिक संकट और कमजोर ग्लोबल संकेतों को माना जा रहा है।

यह पहली बार है, जब रुपये में डॉलर के मुकाबले इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।  डॉलर के मुकाबले रुपये ने 66 पैसे की भारी गिरावट के साथ शुरुआत की है। शुक्रवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 68.83 के स्तर पर बंद हुआ था। जिस तरह से वैश्विक मंदी देखी जा रही है ऐसे में विशेषज्ञ पहले ही संभावना जता चुके हैं कि रुपया 70 के स्तर पर पर पहुंच सकता है। 

इससे पहले रुपये में भारी गिरवाट 19 जुलाई को को देखने को मिली थी। इस दौरान रुपये ने 69 का आंकड़ा छुआ था। 

डॉलर की डिमांड बढ़ने और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने रुपये को कमजोर किया था। 69 का स्तर छूने से एक दिन पहले रुपये ने 19 पैसे की गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की थी।  18 जुलाई को यह 68.43 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर खुला था। 

विशेषज्ञों की माने तो अभी रुपये में दबाव बना रहेगा।  लगातार डॉलर में आ रही मजबूती, कच्चे तेल की कीमतों में जारी उथल-पुथल और विदेशी निवेश प्रवाह में कमी रुपये में गिरावट के लिए जिम्मेदार है।

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