बिना भेदभाव के करेंगे उप्र का विकास: आदित्यनाथ
विकास सबका पर तुष्टीकरण किसी का नहीं
गोरखपुर (एजेंसी)। उप्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गढ़ रहे पूर्वी उप्र के महत्वपूर्ण नगर गोरखपुर पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने अपने नागरिक अभिनंदन समारोह में ऐलान किया कि हम बिना भेदभाव के उप्र का विकास करेंगे। उन्होंने कहा कि उप्र के 22 करोड़ लोगों की सेवा करने के लिए मुझे यह अवसर दिया गया है। उप्र में किसी भी व्यक्ति को उपेक्षित महसूस नहीं होने देंगे। विकास सबका होगा परंतु तुष्टीकरण किसी का नहीं होगा।
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार सार्वजनिक मंच से अपने सम्बोधन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास के सपने को पूरा करेंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सरकार एक लाख रुपए का अनुदान देगी। साथ ही गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ में से एक स्थान पर कैलाश मानसरोवर भवन की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही मैने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली उसी समय से माताओं, बेटियों और बहनों के टेलीफोन आने लगे कि उन्हें राह चलने में परेरशानी होती है। स्कूल जाने में परेशानी होती है। तब मैने एंटी रोमियो स्क्वायड गठित कर दी है। हमें बालाकाओं को सुरक्षा देनी है। स्कूल या कॉलेज में लड़कियों से छेड़छाड़ होती है, तो स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार होगा। यदि कोई मां-बहन रात 12 बजे घर जाना चाहे तो वह आराम से चले जाए। श्री योगी ने कहा कि वैध बूचड़खानों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। एनजीटी ने अवैध बूचड़खानों पर सवाल उठाया है। हमने अवैध बूचड़खानों को बंद करवाने का काम शुरू किया है। अपने भाषण से पहले योगी आदित्यनाथ ने रोड शो निकाला। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जयश्री राम के नारे लगाए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वह पहली बार गोरखपुर आए हुए हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का जबरदस्त स्वागत हो रहा है। गोरखपुर एयरपोर्ट से निकलने के बाद उनका काफिला नंदानगर चौराहे पर पहुंचा तो वहां पर मौजूद महिला पुरुषों ने जय श्रीराम का उदघोष करना शुरू कर दिया। यहां पर सड़क के दोनो तरफ जबरदस्त भीड़ है। गोरखपुर शहर में सड़क के किनारे दोनो तरफ केसरिया रंग के झंडे-बैनर और पोस्टर से सजाए गए हैं। भीड़ में भी लोग केसरिया रंग के कपड़े पहने हुए दिखाई दिए। सूत्रों के मुताबिक योगी मंदिर परिसर में स्थित मठ में ही रात्रि विश्राम करेंगे। शाम से रात्रि के बीच वह मठ एवं उसकी संस्थाओं से जुड़े लोगों से मिलेंगे।