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राहुल गांधी ने कहा है कि मुझे अपनी पार्टी को कांग्रेस की तरह नहीं बनाना है और न ही मुझे आरएसएस जैसा कैडर चाहिए, ये पार्टी दोगली पार्टी हैं जिनकी बातों में सच्चाई के नाम की कोई चीज नहीं दिखती है।
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में बी.जे.पी. सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार अपनों से ही लड़ रही है। राहुल ने बीजेपी की मंदिर पॉलिटिक्स पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या वही लोग सिर्फ मंदिर जाते हैं। राहुल ने कहा कि मैं सालों से मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा जा रहा हूं, अचानक इसे पब्लिसिटी मिलने लगी है। मुझे लगता है कि शायद बीजेपी को यह पसंद नहीं आ रहा है।
बीजेपी और आरएसएस पर किया जम कर हमला
राहुल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि देश की 1.2 अरब जनता पर एक घुटन वाली विचारधारा को थोपा जा रहा है। अगर अपने देश में देश के बारे में बातचीत न हो तो देश में होने का क्या फायदा, राहुल गांधी ने कहा कि यह देश सबके साथ मिलकर चलने वाला है। हम लोगों से भेदभाव नहीं करते हैं। अपनी पार्टी और बीजेपी के बारे में बात करते हुए राहुल ने कहा कि मुझे अपनी पार्टी को बीजेपी जैसा नहीं बनाना है और न ही मुझे आरएसएस जैसा कैडर चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नाम का रोना मत रोइए, उन्होंने साफ कहा कि बीजेपी और आरएसएस में वैचारिक मतभेद है। राहुल ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस देश की हर संस्था पर कब्जा करने की कोशिश में है। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में बीएसपी से गठबंधन नहीं होने पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि अगर यह गठबंधन नहीं होता है, तो चुनावों में कोई असर पड़ेगा।
बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या
राहुल गांधी ने मोदी सरकार के दो फैसले की कड़ी आलोचना की उन्होंने कहा कि नोटबंदी को लागू करना एक अजीब किस्म का फैसला था। इस फैसले से देश के 2 प्रतिशत जीडीपी कम हो गई, उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर हमारा कॉन्सेप्ट अलग था लेकिन इस सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी और मनमाने ढंग से इसे लागू किया देश को और गड्ढे में ढकेल दिया है, और देश में अनेकों प्रकार की समस्याएं आ गई, और महंगाई दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। देश में बेरोजगारी की समस्या पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश में नौकरियां हैं ही नहीं सरकार को उद्योग खोलने चाहिए, और उनपर बल दें जिससे देश की बेरोजगारी की समस्य ख़त्म हो जाये, लेकिन सरकार इस पर ही हमला कर रही है और जो पहले चल रहे थे उस पर जीएसटी और नोटबंदी के कारण बड़ा असर पड़ा है।
मोदी सरकार की विदेश नीति के कारण नेपाल हुआ दूर
मोदी सरकार की विदेश नीति पर बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जो दुनिया में हो रहा है और जो देश में हो रहा है उससे अपने आप को अलग नहीं कर सकते आज देश की विदेश नीति की क्या स्थिति है, आप देख सकते हैं। विदेश नीति में कोई रणनीतिक विचार नहीं है। आप डोकलाम मुद्दे पर एक बार कुछ और करते हैं और फिर कुछ और राहुल ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति के कारण ही नेपाल और मालदीव भारत से दूर हुए हैं। एचटी लीडरशिप समिट में जब राहुल से पूछा गया कि आपके और आपकी मां सोनिया गांधी के नेतृत्व में क्या अलग है तो उन्होंने कहा कि वह भावनाओं से काम करती हैं और मैं सोचकर करता हूं। राहुल ने कहा कि मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुनना चाह रहा हूं, यही मेरी राजनीतिक बदलाव का कारण भी है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत को 21वीं सदी के संस्थानों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम 2019 में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब होंगे, राहुल से जब पूछा गया कि अगर वो सत्ता में आए तो वो कौन सी तीन चीजें हैं, जिसे करेंगे, इस सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि सबसे पहले मैं छोटे और मझोले उद्योग को मजबूती प्रदान करूंगा, दूसरा, मैं किसानों को यह एहसास दिलाऊंगा कि आप महत्वपूर्ण हैं। तीसरा, मैं कम लागत में उच्चस्तरीय मेडिकल और शिक्षा का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करूंगा।