अद्धयात्म

बुधवार को करना चाहिए इन कार्यों का श्रीगणेश, जानिए श्रेष्ठ मुहूर्त

एजेन्सी/  ganesh-14416146766 अप्रेल 2016 को बुधवार है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2072, संवत्सर नाम: कीलक, अयन: उत्तर, शाके: 1938, हिजरी: 1437, मु.मास: जमादि-उलसानि-27, ऋ तु: बसंत, मास: चैत्र, पक्ष: कृष्ण है। 

शुभ तिथि

चतुर्दशी रिक्ता संज्ञक तिथि रात्रि 8.37 तक, तदन्तर अमावस्या तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। चतुर्दशी कृष्ण पक्ष की व अमावस्या दोनों ही तिथियों में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं। 

चतुर्दशी तिथि में शस्त्र धारण, युद्धादि कार्य सिद्ध होते हैं। यात्रा वर्जित है। अमावस्या तिथि में पितृकर्म, दान, स्नानादि शुभ होते हैं। शुभ कार्य वर्जित हैं। चतुर्दशी तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: धनवान, कीर्तिवान, साहसी, धर्मात्मा, शीतल स्वभाव, सुकार्य करने वाला, गरीबों व साधुओं की सेवा करने वाला तथा मान-सम्मान पाने वाला होता है।

नक्षत्र

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र प्रात: 8.08 तक, तदन्तर अन्तरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.20 तक उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रहेगा। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में उग्र व अग्निविषादिक असद् कार्य, साहसिक कार्य, कारीगरी, शिल्प, कला विषयक कार्य, कृषि व जलयन्त्र सम्बन्धी कार्य सिद्ध होते हैं। 

यदि समय व तिथि आदि शुद्ध व शुभ हो तो विवाह, यज्ञोपवीत, देवस्थापन, वास्तु व अभिषेक सम्बन्धी कार्य करने चाहिए। पर अभी समय व तिथि दोनों ही शुद्ध व शुभ नहीं है। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में जन्मा जातक सुन्दर, साहसी, पराक्रमी, बुद्धिमान, शत्रुजित, बोलचाल व प्रश्नोत्तर में निपुण, धर्मात्मा व धनवान होता है। इनका भाग्योदय प्राय: 27 या 31वें वर्ष में होता है।

योग

ब्रह्म नामक नैसर्गिक शुभ योग सायं 7.08 तक, तदुपरान्त ऐन्द्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग रहेगा।

करण

भद्रा संज्ञक विष्टि नाम करण प्रात: 10.23 तक, इसके बाद शकुनि आदि स्थिर संज्ञक करण रहेंगे। स्थिर संज्ञक करणों में पितृ कार्यादि करने चाहिए।

चंद्रमा

सम्पूर्ण दिवारात्रि मीन राशि में रहेगा।

व्रतोत्सव

बुधवार को मेला पिहोवा तीर्थ (हरियाणा में) तथा पंचक सम्पूर्ण दिवारात्रि।

शुभ मुहूर्त

उक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार बुधवार को किसी शुभ व मंगल कृत्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं हैं।

वारकृत्य कार्य

बुधवार को सामान्यत: शिक्षा-दीक्षा, अध्ययन-अध्यापन, विद्या, साहित्यारम्भ, वेदाध्ययन, खेल-कूद, व्यायाम, प्रशिक्षण, कला-कौशल, बही-खाता, हिसाब-किताब, नोटिस देना, प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करना, धातु सम्बन्धी कार्य, मैत्री, संधि-राजीनामा तथा नौकरी में प्रवेश करना आदि कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।

दिशाशूल

बुधवार को वैसे उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। अति आवश्यकता में कुछ तिल खाकर शूल दिशा की अनिवार्य यात्रा पर प्रस्थान कर लेना चाहिए। बुधवार को मीन राशि के चंद्रमा का वास उत्तर दिशा की यात्रा में सम्मुख होगा। यात्रा में सम्मुख चंद्रमा धनलाभ कराने वाला व दाहिना चंद्रमा सुखप्रद माना गया है।  

 

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