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बेटी ने बयां की मां-बाप की करतूत- नहीं पता था घर आकर उजाड़ देंगे मेरा सुहाग
जयपुर. बुधवार को आॅनर किलिंग के चलते अंजाम दी गई वारदात में माता-पिता ने बेटी के घर जाकर उसकी मौजूदगी में ही दामाद की गोली मारकर हत्या करा दी। जबसे बेटी ने अपने माता-पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर मर्जी से शादी की थी। उसके पूरे परिवार वाले उससे खफा थे। कुछ महीनों से उसके घरवाले उसके घर आने लगे और सही ढंग से बातचीत करने लगे थे। हालांकि, लड़की ने मां-बाप की करतूत बयां करते हुए बताया कि उसे यह नहीं पता था माता-पिता ही उसके घर आकर उसका सुहाग उजाड़ देंगे। 6 महीने से प्रेग्नेंट थी इसलिए बढ़ा परिवार का आना-जाना…
– ऑनर किलिंग की यह वारदात में जान गंवाने वाला 29 साल का अमित नायर बेसिकली केरल केरल का रहने वाला था और शहर में प्रॉपर्टी और कंस्ट्रक्शन का काम करता था।
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– उसने खातीपुरा में रहने वाली 28 साल की ममता से 2012 में लव मैरिज की थी। तभी से ममता के पिता जीवनराम चौधरी, मां भगवती देवी और पूरे रिश्तेदार उससे नाराज थे।
– ममता के 6 महीने से प्रेग्नेंट हाेने के कारण परिवार का (खासकर उसकी मां भगवती देवी का) उसके घर में आना-जाना बढ़ गया था।
साथ आया शख्सखड़ा हुआ और अमित पर किए चार फायर
सुबह 7:30 बजे- अजमेर रोड के करणी विहार जगदंबा विहार में ममता के घर उसके माता-पिता एक शख्स के साथ पहुंचे। ममता ने दरवाजा खोला।
सुबह 7:35 बजे-तीनों सोफे पर बैठ गए। ममता के पिता ने दामाद अमित को जगाने के लिए कहा। इसके बाद वह आया और नमस्कार किया।
सुबह 7:40 बजे-ममता अपने माता-पिता और शख्स के लिए पानी लाई। वे बातचीत करने लगे। परिजनों ने ममता को घर भेजने के लिए कहा। ममता के पिता 5 साल से अमित पर उसे मायके भेजने का दबाव बना रहे थे।
सुबह 7:50 बजे -अमित ने कहा कि ममता नहीं जाना चाहेगी तो नहीं भेजेंगे। इतना सुनते ही शख्स खड़ा हुआ और अमित पर चार फायर किए और तीनों भाग गए।
मुझे पता होता कि मां-बाप ही मेरा सुहाग उजाड़ने आए हैं तो घर का दरवाजा ही नहीं खोलती
ममता ने बताया कि “मम्मी-पापा और भाई मेरी शादी से नाराज थे, लेकिन इतने समय बाद मेरे घर आकर सुहाग उजाड़ देंगे, यह मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। ऐसा पता होता तो मैं घर का गेट ही नहीं खोलती। शादी के बाद मैं अमित के साथ जगदम्बा विहार में रहने लगी।
उस समय भी मेरे पापा कुछ रिश्तेदारों को लेकर आए थे और घर चलने को कहा था। मैंने मना कर दिया था। वे फोन पर धमकाने लगे। हमने थाने में शिकायत की थी। फिर लंबे वक्त तक उन्होंने हमसे कॉन्टेक्ट नहीं किया। मेरे पेट में 6 महीने का बच्चा है। पिछले कुछ महीनों से मेरे घरवाले फिर मेरे घर आने लगे और सही ढंग से बातचीत करने लगे थे।
सुबह साढ़े 7 बजे घर की बेल बजी तो मैंने गेट खोला, सामने मां-पिता एक शख्स के साथ खड़े थे। एक शख्स कार में बैठा था। तीनों अंदर आ गए और सोफे पर बैठ गए। मैंने तीनों को पानी पिलाया तो साथ आया शख्स गिलास लेकर बाहर गया। तब मैंने मां से उसके बारे में पूछा? मां ने बताया कि यह तेरी मौसी का बेटा है, लेकिन मैं उसे नहीं पहचानती।
उस वक्त अमित सो रहे थे। पिता के कहने पर मैंने उन्हें जगाया। वे नमस्कार कर सोफे पर बैठ गए। तब मम्मी-पापा ने अमित से मुझे घर भेजने के लिए कहा। अमित ने कहा- मैं(ममता) नहीं जाना चाहूं तो नहीं भेजेंगे। तभी शख्स खड़ा हुआ और रिवॉल्वर से अमित पर गोलियां चला दीं। मेरे माता-पिता मुझे बाल पकड़कर घसीटने लगे। मैं चिल्लाई तो सामने के घर में रहने वाली सोना देवी दौड़कर बाहर आई। लेकिन उन पर भी पिस्तौल तान दी और भाग गए।”