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भारत से लेकर कनाडा तक में फैला है इनका करोड़ों का व्यवसाय, लंगर में दे रहे अपनी सेवा

sewadar8_1483081524-1पटना.350वेंप्रकाशोत्सव पर देश विदेश के श्रद्धालु पटना पहुंच गए हैं। इनमें से कई दर्शन के साथ साथ सेवाभाव से भी आए पटना हैं। लुधियाना के बाबा भागा सिंह भी अपने एक हजार सेवक जत्था के साथ पटना आए हैं। कनाडा से आकर दे रहे हैं अपनी सेवा…
बाबा भाग सिंह के लंगर अपनी सेवा देने के लिए गुरुदीप सिंह कनाडा से आए हुए हैं। ये यहां पर 15 दिनों तक रुक कर अपनी सेवा देंगे। गुरुदीप सिंह का भारत से लेकर कनाडा तक में करोड़ों रुपए का व्यवसाय फैला हुआ है। ये लंगर में 15 दिनों तक अपनी सेवा देंगे। लंगर में आने वाले लोगों को ये पानी से लेकर रोटी तक अपने से खिलाते हैं। वे बताते हैं कि मेरे धर्म में इससे बड़ा कोई काम नहीं है इसलिए मैं ऐसा करता हूं। लंगर के लिए इन्होंने 30 लाख रुपए की आर्थिक मदद भी की है। गुरुदीप सिंह कहते हैं कि अगर ज़रुरत पड़ी तो हम लोग और भी राशि खर्च करेंगे।
जलेबी वाले बाबा के नाम से भी ये जाने जाते हैं
जलेबी वाले बाबा के नाम से जाने जाने वाले बाबा भाग सिंह ने पहली बार पटना में लंगर लगाया है। गुरू के बाग में चल रहे लंगर में प्रतिदिन करीब चार से पांच हजार लोग लंगर खा रहे हैं। बाबा भाग सिंह कहते हैं कि हमारा यह लंगर 10 जनवरी तक चलता रहेगा। हमलोग 50 लाख रुपए लंगर में खर्च करने की तैयारी से यहां पर आए हैं।
शुद्ध घी में बन रहे हैं पकवान
बाबा भाग सिंह के लंगर में खाने की हर दिन अलग अलग व्यवस्था है। यहां पर बनने वाले पकवान के लिए सेवादारों ने लुधियाना से अपने साथ शुद्ध घी तक लेकर अपने साथ आए हैं। बाबा भाग सिंह ने बताया कि लंगर में आने वाले लोगों को हर दिन अलग अलग व्यंजन की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए हमने अपनी मीनू तैयार कर लिया है। अपने लंगर के सफल संचालन के लिए हम लोग पिछले एक सालों से तैयारी कर रहे थे। इसी कारण हम लोगों ये लंगर अभी तक सफल है।
सात ट्रकों में आया है पकवान
बाबा भाग सिंह के लंगर में सात ट्रकों में पकवान लुधियाना से आए हैं। यहां पर आने वाले लोगों को जलेबी से लेकर बेसन की बर्फी तक दी जा रही है। पंजाब के प्रमुख व्यंजन सरसो की साग और मक्के की रोटी की भी लंगर में व्यवस्था की गई है। लंगर में बनने वाले सारे व्यंजन को शुद्ध घी में बनाये जा रहे हैं। जो कि लुधियाना से इन लोगों ने अपने साथ लेकर आया है। इसी प्रकार खाने के लिए बनने वाले चावल में बासमती का प्रयोग हो रहा है।
महिलाएं कर रहीं सहयोग
यहां पर महिलाएं भी अपनी सेवा दे रही हैं। ये रोटियां बेल रही हैं और जलेबियां बना रही हैं। पंजाब से आए सेवादारों के साथ संस्था की महिलाएं हाथ बंटा रही हैं। संस्था की किरनजोत कौर कहती हैं कि सभी सेवक उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं और अच्छी नौकरी भी कर रहे हैं। लेकिन जब भी ऐसे समारोह की जानकारी मिलती है, संस्था से जुड़े लोग सेवा देने पहुंच जाते हैं।
 
इंग्लैंड के धार्मिक शैक्षणिक केंद्र से भी आए हैं विद्यार्थी
 
इंग्लैंड के धार्मिक शैक्षणिक केंद्र के विद्यार्थी भी आए हैं। संस्था ने बर्मिंघम में गुरद्वारा का निर्माण कराया है, जहां 24 घंटे लंगर चलता है। इसमें इंग्लैंड के लोग भी लंगर छकते हैं। जत्था के चेयरमैन भाई साहब मोहिंदर सिंह शुक्रवार को पटना पहुचेंगे।
 
संस्था से जुड़े सभी महिला-पुरुष सदस्य सफेद कपड़ों में सेवा देते हैं। संस्था के प्रीतपाल कहते हैं कि गुरु महाराज के पद चिह्नों पर चलकर ही आगे बढ़ा जा सकता हैं। ये प्रमुख होटलों में ठहरे हैं।

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