उत्तर प्रदेशलखनऊ
भूख हड़ताल पर बैठे पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों की हालत बिगड़ी
एजेन्सी/ प्रशिक्षण की मांग पूरी न होने पर भूख हड़ताल पर बैठे पुलिस भर्ती 2013 में चयनित अभ्यर्थियों की शुक्रवार को हालत बिगड़ गई।
आधा दर्जन से अधिक को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आधा दर्जन से अधिक को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बीते दो दिनों से प्रदर्शनकारियों की हालत खराब हो रही है। ये सभी तीन अप्रैल से धरने पर बैठे हैं और सात अप्रैल से भूख हड़ताल शुरू की।
धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने बताया कि शुक्रवार को भूख हड़ताल पर बैठी दीप्ति शर्मा, नीलम, कांता कुमारी, सीमा, राजू दिलीप, संजय, राम खेलावन की हालत बिगड़ गई। कई अभ्यर्थी गश खाकर गिर गए। इससे हड़कंप मच गया। पुलिस ने एंबुलेंस बुलाकर सिविल अस्पताल पहुंचाया।
जहां पर पुष्पा, संजय और संजेष अभी भी भर्ती हैं। बाकी को धरनास्थल पर भेज दिया गया।
अभ्यर्थियों ने बताया कि पीएसी और फायरमैन के मेरिट में नंबर कम होने के बावजूद उन्हें ज्वाइनिंग दी जा चुकी है। लेकिन सिविल पुलिस के 16747 अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई। अपने एक साथी को अस्पताल ले जाता युवक।
उनके अनुसार शासन ने 28 मार्च से ट्रेनिंग पर भेजने का वादा किया था। लेकिन अब तक कुछ नहीं किया। अभ्यर्थियों ने बताया कि छह अप्रैल को पुलिस महानिरीक्षक स्थापना से मिले थे। लेकिन वहां से सकारात्मक जवाब नहीं मिला। उन्होंने मांगें शीघ्र पूरी नहीं करने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।
अफसर सिर्फ आश्वासन दे रहे
अभ्यर्थियों ने बताया कि पुलिस विभाग की तरफ से कई बार आश्वासन मिल चुका है। जिस पर कभी भी कार्रवाई नहीं हुई। दो दिन पूर्व ही डीजीपी ने अभ्यर्थियों के मामले को संज्ञान में लेते हुए 15 मई से प्रशिक्षण कराने का आदेश दिया था। जिस पर अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक हमारे हाथ में लिखित आदेश नहीं मिलता तब तक धरने से नहीं उठेंगे। (इलाज के दौरान अभ्यर्थी।)
अभ्यर्थियों ने बताया कि पुलिस विभाग की तरफ से कई बार आश्वासन मिल चुका है। जिस पर कभी भी कार्रवाई नहीं हुई। दो दिन पूर्व ही डीजीपी ने अभ्यर्थियों के मामले को संज्ञान में लेते हुए 15 मई से प्रशिक्षण कराने का आदेश दिया था। जिस पर अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक हमारे हाथ में लिखित आदेश नहीं मिलता तब तक धरने से नहीं उठेंगे। (इलाज के दौरान अभ्यर्थी।)
स्ट्रेचर न मिला तो उठाकर भागे
इमरजेंसी में स्ट्रेचर न मिलने पर अभ्यर्थी अपने साथियों को एंबुलेंस से उतारकर गोद में उठाकर इमरजेंसी की ओर भागे।
इमरजेंसी में स्ट्रेचर न मिलने पर अभ्यर्थी अपने साथियों को एंबुलेंस से उतारकर गोद में उठाकर इमरजेंसी की ओर भागे।