अपराध

मदरसा मैनेजर दुष्कर्म का विरोध करने पर पीटता था लड़कियों को

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी के यासीनगंज में मदरसा जामिया खदीजतुल कुबरा लिलबनात का संचालक तैयब जिया बेहद क्रूर स्वाभाव का है। वह मदरसा में दुष्कर्म का विरोध करने पर छात्राओं को पीटता भी था। उसके खिलाफ लड़कियां बेहद मुखर है।  दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली बहराइच निवासी छात्रा को आरोपित ने ऑफिस की देखरेख का काम दे रखा था।मदरसा मैनेजर दुष्कर्म का विरोध करने पर पीटता था लड़कियों को

छात्रा का आरोप है कि मदरसे का संचालक जब उससे दुष्कर्म कर रहा था तो उसने विरोध जताया था, लेकिन आरोपित ने उसकी पिटाई कर दी थी। तैयब जिया पर बहराइच की एक छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप भी लगाया है। छात्रा का कहना है कि जिया उसे अपने ऑफिस में बुलाता था। उसने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया है।एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आने के बाद अब तैयब जिया को रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है। आरोपित से गहनता से पूछताछ की जाएगी, जिसके बाद कई बातें स्पष्ट हो जाएंगी। 

बहाने से बुलाया था आरोपित ने 

बहराइच निवासी छात्रा ने पुलिस को बताया कि मदरसे का मैनेजर तैयब जिया ने उसे बहाने से अपने ऑफिस में बुलाया था। इस बीच आरोपित ने किसी को आसपास न पाकर छात्रा को दबोच लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने लिखित में भी पीडि़ता का बयान लिया है। छात्रा का कहना है कि आरोपित ने उसे खामोश रहने की धमकी दी थी। 

बाहर नहीं जाने देता था

आरोपित तैयब जिया छात्राओं को बाहर नहीं निकलने देता था। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि लड़कियों से बात करने पर संचालक उनसे भी भिड़ जाता था। हालांकि स्थानीय लोगों ने छात्राओं की सूझबुझ की तारिफ की और कहा कि समझदारी दिखाकर लड़कियों ने आजादी हासिल की है। 

चिट्ठी में लिखा था पीडि़ता का नाम 

पुलिस जब मदरसे में पहुंची थी तो छात्राओं ने चिट्ठियां लिखकर फेंकी थी। उक्त चिट्ठियों में दुष्कर्म पीडि़त छात्रा का नाम भी लिखा था। पत्र लिखने वाली छात्रा ने यह भी लिखा था कि पीडि़ता ने एक युवती को किचन में मिर्च लेने के लिए भेजा था, जिसके साथ भी तैयब जिया ने गलत काम किया था। यही नहीं शुक्रवार को आरोपित ने पीडि़ता को धमकाकर अपने ही पक्ष में उसका बयान देने के लिए भी दबाव बनाया था। 

किचन को बनाया था साफ्ट टारगेट

छात्राओं का कहना है कि तैयब अक्सर किचन में घुस जाता था और लड़कियों का यौन शोषण करता था। इस वजह से छात्राएं किचन में जाना नहीं चाहती थीं। हालांकि रसोई घर तैयब का साफ्ट टारगेट था। लड़कियों का कहना है कि आरोपित रोज किचन में जाता था और लड़कियों को बुलाकर अभद्रता करता था। 

पांच छात्राओं का हुआ मेडिकल परीक्षण 

अभी 37 छात्रओं को राजकीय महिला शरणालय में रखा गया है। शनिवार को मामले की जानकारी पाकर कई छात्रओं के परिवारीजन वहां पहुंचे और छानबीन की। पुलिस ने मारपीट व प्रताडि़त करने की शिकायत करने वाली पांच नाबालिग छात्रओं का मेडिकल परीक्षण रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल में कराया है।

झगड़ालू स्वभाव का है संचालक

मदरसे में छात्राओं के यौन शोषण की जानकारी मिलने के बाद शनिवार को यासीनगंज में स्थानीय लोगों का हुजूम लग गया। लोग मदरसे के बाहर खड़े होकर तरह-तरह की चर्चा करते दिखे। पड़ोसियों ने कहा कि आरोपित तैयब जिया बेहद झगड़ालू स्वभाव का था। वह अक्सर मामूली बात पर विवाद करने लगता था। यही कारण है वह लोग उससे बात करने में कतराते थे। 

कुल तीन एफआइआर दर्ज

इस मामले में अभी तक कुल तीन एफआइआर दर्ज की जा चुकी हैं। पुलिस ने एक रिपोर्ट तैयब अशरफ जिलानी की तहरीर पर दर्ज की है। वहीं दूसरी रिपोर्ट छात्राओं ने कराई थी, जिसमें उन्होंने छेड़छाड़, मारपीट और यौन शोषण का आरोप लगाया था। कल तीसरी रिपोर्ट सआदतगंज थाने में ही बहराइच निवासी दुष्कर्म पीडि़ता ने आरोपित तैयब जिया के खिलाफ दर्ज कराई है।

प्रॉपर्टी का विवाद भी बताया

कुछ लोगों ने इस घटना के पीछे तैयब अशरफ जिलानी और तैयब जिया के बीच प्रॉपर्टी का विवाद बताया है। नाम न बताने की शर्त पर एक स्थानीय युवक ने बताया कि काफी दिनों से मदरसे के संरक्षक और संचालक के बीच झगड़ा चल रहा था। आरोपित संचालक ने इसकी जानकारी सआदतगंज पुलिस को भी दी थी। वहीं पुलिस का कहना है कि छात्रओं ने बयान में यौन शोषण की बात कही है। प्रॉपर्टी किसकी है, यह जांच का विषय है। उधर, कुछ अभिभावकों ने बताया कि मदरसे में यौन शोषण की जानकारी छात्रओं ने उन्हें भी नहीं दी थी। 

मंत्री ने दिलाया निष्पक्ष जांच का भरोसा

पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने मदरसा छात्रओं से मुलाकात की। साथ ही छात्राओं के अभिभावकों से मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा जताया। वह शनिवार को मदरसा छात्रओं से मिलने डालीबाग स्थित राजकीय शरणालय पहुंचीं थीं। पत्रकारों से बातचीत में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मदरसे में गड़बड़ी थी, लेकिन यह गड़बड़ी किस हद तक थी वह जांच के बाद ही पता चलेगा।

फिलहाल बच्चियों का बयान दर्ज कराया जा रहा है। मनोवैज्ञानिक और विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक बच्चियों के बयान दर्ज करने के लिए लगाया गया है। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी है सोमवार शाम तक स्थिति कुछ स्पष्ट होगी। बच्चियों से बातचीत में मालूम चला है कि कई वर्ष से इस मदरसे में उनका शोषण हो रहा था। मौत का खौफ दिखाकर बच्चियों के साथ बहुत कुछ हुआ। कुछ के शरीर पर निशान भी हैं। अब कोई भी बच्ची वापस मदरसे में नहीं जाना चाहती। बच्चियों के लिखे पत्र मिलने के बाद मामले का राजफाश हुआ। हालात अच्छे नहीं थे वहां। बच्चियों के साथ उनके अभिभावकों के भी बयान दर्ज कराए जा रहे हैं।

बिना मान्यता के 12 वर्ष से चल रहा मदरसा 

बच्चियों को बंधक बनाकर उनका शोषण करने का मामला प्रकाश में आने के बाद से चर्चा में आया यासीनगंज स्थित मदरसा खदीजातुल कुबरा लिलबनात बिना मान्यता 12 वर्षो से संचालित किया जा रहा था। उप्र मदरसा शिक्षा बोर्ड ने खदीजातुल कुबरा मदरसे से अपना पलड़ा झाड़ लिया। मदरसा बोर्ड रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने कहा कि मामला लॉ एंड ऑर्डर का है। मदरसा खदीजातुल कुबरा लिलबनात की मान्यता बोर्ड से नहीं है, इसलिए बोर्ड मदरसा प्रबंधक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकता।

बोर्ड की मान्यता के बिना ही शहर में कई दीनी मदरसे संचालित हो रहे हैं, जो अवैध नहीं हैं। मदरसा बोर्ड सूत्रों के मुताबिक शहर में करीब 220 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हो रहे हैं। इसमें 18 अनुदानित हैं। जबकि करीब 500 मदरसे बिना उप्र शिक्षा परिषद की मान्यता के शहर में संचालित हो रहे हैं। जिसका कोई रिकार्ड उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के पास नहीं है।

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