मन की बात में मोदी बोले -‘मेक इन इंडिया से पूरा हो रहा डॉ. अंबेडकर का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम जरिए लोगों को संबोधित किया। पीएम ने किसानों से लेकर लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात रखी। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी मन की बात कार्यक्रम में कई ऐसे लोगों का उल्लेख किया जिन्होंने समाज में अपना योगदान कुछ अलग काम करके दिया है।उन्होंने कानपुर के डॉक्टर से लेकर असम के रिक्शा चालक का जिक्र किया जिनके सरोकार से समाज को फायदा पहुंच रहा है।
मन की बात कार्यक्रम के 42वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता पर उठ रहे सवाल और रोजगार के मौके पैदा करने में विफलता को लेकर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। डॉ. भीमराव अंबेडकर के भारत को ‘औद्योगिक सुपरपावर’ बनाए जाने के विजन का जिक्र करते हुए पीए मोदी ने कहा कि गरीबों को रोजगार देने की दिशा में औद्योगीकरण की प्रभावी भूमिका है और ‘मेक इन इंडिया’ इसी सपने को पूरा करने का काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्षो पहले डॉं बाबासाहेब अंबेडकर ने भारत के औद्योगीकरण की बात कही थी और उनके लिए उद्योग एक ऐसा प्रभावी माध्यम था, जिसमें गरीब से गरीब व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता था। ‘मेक इन इंडिया’ को अंबेडकर के विजन से जोड़ते हुए मोदी ने कहा कि आज जब देश में मेक इन इंडिया का अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है तो डॉ अंबेडकर जी ने औद्योगिक शक्ति के रूप में भारत का जो सपना देखा था, उनका ही विजन हमारे लिए प्रेरणा है।
मोदी ने कहा कि गरीब और पिछड़ी जातियों जैसे समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों के लिए, जिनमें मैं भी शामिल हूं, अंबेडकर हमारे प्रेरणास्रोत रहे हैं।
इससे पहले उन्होंने देशवासियों को रामनवमी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि मैंने सोचा है कि इस बार हेल्थ को लेकर विस्तार से बात करूं। ‘फिट इंडिया’ की बात करूं। पीएम ने कहा कि मन की बातें मौसम के साथ बदलती हैं।
जब मुझे आपके पत्रों में पढ़ने को मिलता है कि कैसे असम के करीमगंज के एक रिक्शा-चालक अहमद अली ने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर ग़रीब बच्चों के लिए नौ स्कूल बनवाये हैं – तब इस देश की अदम्य इच्छाशक्ति के दर्शन होते हैं। जब उत्तरप्रदेश की एक महिला अनेकों संघर्ष के बावजूद 125 शौचालयों का निर्माण करती है और महिलाओं को उनके हक़ के लिए प्रेरित करती है – तब मातृ-शक्ति के दर्शन होते हैं। अनेक प्रेरणा-पुंज मेरे देश का परिचय करवाते हैं |
आज पूरे विश्व में भारत की ओर देखने का नज़रिया बदला है। आज जब, भारत का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है तो इसके पीछे मां भारती के इन बेटे-बेटियों का पुरुषार्थ छुपा हुआ है।
आने वाले कुछ महीने किसान भाइयों और बहनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं | इसी कारण ढ़ेर सारे पत्र, कृषि को लेकर के आए हैं।महात्मा गांधी, शास्त्री जी, लोहिया जी, चौधरी चरण सिंह जी, चौधरी देवीलाल जी सभी ने कृषि और किसान को देश की अर्थव्यवस्था और आम जन-जीवन का एक अहम अंग माना है। इस साल के बजट में किसानों को फसलों की उचित क़ीमत दिलाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है | यह तय किया गया है कि अधिसूचित फसलों के लिए MSP, उनकी लागत का कम-से-कम डेढ़ गुणा घोषित किया जाएगा।
इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंतीवर्ष के महोत्सव की शुरुआत होगी। यह एक ऐतिहासिक अवसर है। स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। विभाग और मंत्रालय, राज्य सरकारें साथ मिलकर स्वस्थ भारत के लिए काम कर रहे हैं। देश में स्वास्थ्य से जुड़ा हर काम जहां पहले सिर्फ स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी होती थी, वहीं अब सभी अपनी जिम्मेदारी समक्ष रहे हैं। देशभर में 3 हजार से अधिक जन-औषधि केंद्र खोले गए हैं जहां 800 से ज्यादा दवाइयां कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं और भी नए केंद्र खोले जा रहे हैं। सालों पहले बाबा साहब आंबेडकर ने भारत के औद्योगिकीकरण की बात कही थी। ये मन की बात का 42वां संस्करण होगा।
By Sanjeev Tiwari