महागठबंधन का फॉर्मूला तैयार, शाम चार बजे तेजस्वी-कुशवाहा करेंगे एलान
आज पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सहयोगी रहे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा विपक्ष के महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने हाल ही में एनडीए से नाता तोड़ लिया था। इस मसले पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि चीजें शाम तक साफ हो जाएंगी।
तेजस्वी ने कहा, ‘चीजें शाम तक साफ हो जाएंगी। आपको पता चल जाएगा। हमने पहले भी लोगों को आमंत्रित किया था। यदि उपेंद्र कुशवाहा जी देश के लिए अच्छा चाहते हैं तो हमने उन्हें आमंत्रित किया है। क्षेत्रीय दलों को कुचलने का प्रयास किया गया है। यहां तक कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) भी मोदी जी की गुटबंदी से खुश नहीं हैं और यह तथ्यों से साबित होता है।’ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज शाम को चार बजे कांग्रेस दफ्तर में बड़ा एलान हो सकता है।
इसी बीच जानकारी मिल रही है कि महागठबंधन में बिहार के लिए सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार किया जा चुका है। जिसमें रालोसपा को 4-5 सीटें, कांग्रेस को 8-12 सीटें, राजद को 18-20 सीटें, जीतनराम मांझी की पार्टी हम को 1-2 सीटें और शरद यादव की पार्टी को 1-2 सीटें मिल सकती हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कुशवाहा के भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोड़ने के बाद उनसे मुलाकात की थी। यूपीए का मानना है कि उससे हाथ मिलाने का कुशवाहा का फैसला उसे बिहार में राजग के खिलाफ माहौल बनाने में मदद करेगा। भाजपा के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की लोजपा राजग के अन्य घटक दल हैं।
वहीं रालोसपा के एनडीए से अलग होने के बाद लोजपा ने भी एनडीए को तेवर दिखाने शुरु कर दिए हैं। अपने बदलते हुए रुख का संकेत देते हुए पार्टी ने भाजपा को 31 दिसंबर तक बिहार में लोकसभा सीटों के बंटवारे पर फैसले लेने का अल्टीमेटम दिया है। चूंकि रालोसपा एनडीए से अलग हो गई है इसलिए लोजपा चाहती है कि कुशवाहा को दी गई सीटों को उसे दे दिया जाए।
पार्टी का कहना है कि अगर उसे एक राज्यसभा की सीट दी जाती है तो छह लोकसभा सीटों पर वह राजी होगी, वरना सात सीटों से कम उसे मंजूर नहीं है। सियासी घमासान के बीच शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली आ सकते हैं। वह भाजपा से सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे। हालांकि भाजपा पहले ही साफ कर चुकी है कि बिहार में नीतीश बड़े भाई हैं और पार्टी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी।