स्वास्थ्य

महिलाएं करें स्‍ट्रेंथ ट्रेंनिग… बर्न करें ढेर सारी कैलोरीज़ और घटाएं वजन

महिलायें जब भी वज़न कम करना चाहती हैं तो वे कार्डियो एक्सरसाइज़ करती हैं। परन्तु सच यह है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से दूरगामी परिणाम मिलते हैं और इससे आप बिना वर्क आउट किये भी दिन भर में अधिक कैलोरीज़ बर्न कर सकते हैं।

इसका अर्थ यह है कि यदि आप अपनी फिटनेस दिनचर्या में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को शामिल करते हैं तो आप जल्दी वज़न कम कर सकते हैं और शरीर के आकार को बेहतर बना सकते हैं।

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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग क्या है?

स्ट्रेंथ एक्सरसाइज़ में वज़न, इलास्टिक बैंड्स या शरीर के वज़न से ही कसरत की जाती है। मांसपेशियों की ताकत, आकार और शक्ति को बढ़ाने का यह एक उत्तम तरीका है। इससे आपके लचीलेपन और गति की सीमा में भी सुधार आता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मांसपेशियों की सहनशीलता और ताकत बढ़ती है जिससे महिलाओं और पुरुषों दोनों को फायदा होता है।

स्ट्रेंथ टर्निंग से जुड़ी गलत धारणा क्‍या है

स्ट्रेंथ टर्निंग के साथ एक यह मिथक जुड़ा हुआ है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से महिलाओं की स्थूलता बढ़ जाती है। हालाँकि तथ्य यह है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से महिलाओं का शरीर स्थूल नहीं होता क्योंकि महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन्स सीमित मात्रा में ही होते हैं। ये पुरुष हार्मोन्स ही मांसपेशियों के बनने और विकास में सहायक होते हैं।

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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से होने वाले लाभ

किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि चाहे वह कार्डियो एक्सरसाइज़ हो या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, इससे सभी महिलाओं को फायदा होता है। फिटनेस एक्सपर्ट ममता जोशी के अनुसार महिलाओं में बोन डेंसिटी में सुधार लाने और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग सबसे अच्छा तरीका है। इससे ब्लडप्रेशर कम होता है, शरीर की चयापचय दर बढ़ती है और वज़न भी नियंत्रित होता है। यह आपके तनाव को नियंत्रित करता है तथा हृदय से संबंधित बीमारियों और कैंसर से बचाता है। यह महिलाओं में विभिन्न गंभीर स्थितियों जैसे पीठ दर्द, डाइबिटीज़, आर्थराइटिस और तनाव को कम करता है। इसके अलावा स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से हड्डियों के टूटने और हड्डी की चोट आदि का खतरा भी कम हो जाता है।

वज़न कम करने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग

आपके विचार से वज़न कम करने के लिए कार्डियो एक्ससरसाइज़ करनी चाहिए परन्तु यदि आप वज़न कम करने के लिए वर्कआउट कर रहे हैं तो स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आपके लिए बहुत सहायक हो सकती है। वास्तव में इससे न केवल आपकी मांसपेशियां मज़बूत होंगी बल्कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान आपकी 25 प्रतिशत अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती हैं। ममता के अनुसार, “मांसपेशियों के पतला होने से आपकी चयापचय दर में सुधार आता है और आपके शरीर की संरचना में बदलाव आता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान मांसपेशियों तक रक्त पहुँचता है जिससे उनका आकार अच्छा होता है।”

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स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग से आता है ज्‍यादा पसीना

क्योंकि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में केवल कुछ विशेष मांसपेशियां ही शामिल होती हैं अत: सबसे अच्छा तरीका है कि कसरत के बीच बहुत थोडा आराम करें या न करें। लगातार कसरत करने से आपके हृदय की धड़कन बढ़ती है और अधिक कैलोरीज़ बर्न होती हैं। पुश अप्स, पुल अप्स, स्कवैटऔर क्रंचेस उच्च इंटेंसिटी वाले वर्क आउट हैं जो आपको वज़न कम करने में सहायक होते हैं।

सही वेट (वज़न) का चुनाव कैसे करें

ममता की सलाह के अनुसार उतना वज़न चुनें जिसे आप आसानी से उठा सकें और इसके कम से कम 15 रिपिटेशन करें। सबसे सरल नियम यह है कि अधिक रिपिटेशन के लिए हलके वज़न का उपयोग करें और कम रिपिटेशन के लिए भारी वज़न का उपयोग करें। वज़न का सही पता लगाने के लिए प्रयोग करके देखना सबसे अच्छा तरीका है। यदि अंतिम रिपिटेशन करने में आपको तकलीफ होती है तो आप सही वज़न उठा रही हैं। दूसरी ओर यदि आप यदि आप सभी रिपिटेशन आसानी से कर लेते हैं तो जो वेट (वज़न) आप उपयोग में ला रहे हैं वह आपके लिये बहुत हल्का है। नीचे महिलाओं के लिए कसरत की सूची दी गयी है जो विशेष मांसपेशियों के लिए है: छाती: बेंच प्रेस, चेस्ट प्रेस और पुश अप्स बैक (पीठ): सीटेड रो मशीन और बैक एक्सटेंशन शोल्डर्स (कंधे): पार्श्व को उठाना और आगे को उठाना बाइसेप्स: बाइसेप कर्ल्स लोअर बॉडी: स्क्वैट्स, लंज और पिंडलियों को उठाना पेट: क्रंचेस और पेल्विक टिल्ट

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सुरक्षा संबंधी सलाह

आपको बिना उचित मार्गदर्शन के कुछ एक्ससरसाइज़ जैसे शोल्डर श्रग और साइड बैंड्स नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे चोट लग सकती है। वज़न उठाते समय अपनी सांस रोककर न रखें क्योंकि इससे आपको चक्कर आ सकते हैं और सिर में हल्कापन महसूस हो सकता है। वज़न को हमेशा धीरे से उठायें और रखें ताकि चोट न लगे और कसरत का अधिक से अधिक फायदा हो। अपनी रीढ़ की हड्डी को आवश्यकता से अधिक न मोड़ें क्योंकि इससे कमर में तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा अपने घुटनों को थोडा मोड़ें ताकि पीठ पर तनाव न आये।

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