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मां ने गहने बेचकर खरीदा धनुुष, बेटा बना राष्ट्रीय चैंपियन

दस्तक टाइम्स एजेंसी/रांची।phpThumb_generated_thumbnail (1)मां ने अपने बेटे का सपना पूरा करने के लिए गहने गिरवी रख दिए, इसके बाद भी पैसे पूरे नहीं पड़े, तो पिता को जमीन गिरवी रखनी पड़ी। इन तमाम मुश्किलों को झेलते हुए भी मुकेश गोस्वामी ने हार नहीं मानी और अपने जूनुन के चलते राष्ट्रीय जूनियर तीरंदाजी में चैंपियन बने। जमशेदपुर में आयोजित राष्ट्रीय जूनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में मुकेश गोस्वामी ने स्वर्ण पदक जीता। पांच साल से राष्ट्रीय चैंपियन बनने का सपना देख रहे मुकेश के लिए इस टूर्नामेंट में भाग लेना मुश्किल हो गया था, क्योंकि जिस धनुष की जरूरत इस टूर्नामेंट के लिए थी, वह मुकेश के पास नहीं था।

 
पुराने धनुष से की प्रैक्टिस
कंपाउंड धनुष की कीमत लगभग दो लाख रुपए है, दिसे खरीदना मुकेश के बस की बात नहीं था। इस बीच उनका एक दोस्त अपना पुराना धनुष बेच रहा था, लेकिन उसके लिए भी उनके पास प्र्याप्त पैसे नहीं थे। 
 
तो उनकी मां ने उन्हें अपने जेवर दे दिए इसके बाद भी पैसे पूरे नहीं हुए। वह काफी निराश हो गए, लेकिन उनके पिता ने उन्हें टूटने नहीं दिया और बेटे के सपने को पूरा करने के लिए अपनी थोड़ी सी जमीन भी गिरवी रख दी। तब जाकर मुकेश धनुष खरीद पाए। फाइनल राउंड के मुकाबले में मुकेश ने हिमाचल प्रदेश के खिलाडिय़ों को मात दी।
 
शिविर के लिए चयन
राष्ट्रीय तीरंदाजी में चैंपियन बनने के कारण मुकेश का चयन भारतीय शिविर में किया गया है। एशिया कप के लिए अप्रैल में सोनीपत में यह शिविर लगाया जाएगा।
 
कार ड्राइवर हैं पिता
डिगवाडीह में रहने वाले मुकेश गोस्वामी के पिता राधेश्याम गोस्वामी कार चालक हैं। अपने बेटे की लगन देख कर वह उसे पूरा सहयोग करते हैं। मुकेश ने कहा कि अब गिरवी रखी जमीन को वापस करना उसका लक्ष्य है। 

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