माफिया मुख्तार के लिए मायावती ने छीने तीन प्रत्याशियों के टिकट
ऐसे में बसपा मुस्लिम मतदाताओं का ठोस समर्थन पाने के लिए नई रणनीति पर जुटी है। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी व उनके परिवार को बसपा में शामिल करने की सोच इसी रणनीति का हिस्सा है।
इसके लिए मायावती ने मऊ जिले की मऊ व घोसी सीट के पूर्व घोषित प्रत्याशियों का टिकट वापस ले लिया है। मऊ के प्रत्याशी मनोज कुमार राय, घोसी के प्रत्याशी वसीम इकबाल व गाजीपुर की मोहम्मदाबाद से प्रत्याशी विनोद कुमार राय ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में स्वीकार किया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें अलग-अलग बुलाया था और टिकट वापस लेने की जानकारी दे दी है।
इसके अलावा सियासी गलियारों में दो पूर्व मंत्रियों व और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के भी बसपा से तार जोड़े जाने की अटकलें हैं। बसपा के सूत्र इनके संपर्क में होने से इन्कार नहीं कर रहे हैं।
मुस्लिम प्रत्याशियों का शतक पूरा करेगी बसपा
मायावती ने 97 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को उतारने का एलान किया था। मुख्तार अंसारी, उनके बेटे अब्बास अंसारी और भाई सिगबतुल्ला अंसारी को टिकट देने के बाद मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या 100 हो जाएगी।
यह कुल विधानसभा क्षेत्रों की करीब 25 फीसदी हो जाएगी। विधानसभा चुनाव में इतनी बड़ी तादाद में इसके पहले शायद ही कभी किसी दल ने मुस्लिमों को प्रत्याशी बनाया होगा। यह संख्या सूबे में मुस्लिम आबादी के अनुपात में ज्यादा होगी।
हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी जगह किसे टिकट देंगी। राय ने बताया कि बहनजी ने टिकट दिया था, वह वापस ले सकती हैं। यह उनका अधिकार है। बताते चलें, मुख्तार अंसारी मऊ सदर से सिटिंग विधायक हैं।
घोसी से अब्बास अंसारी को देंगे टिकट
वसीम इकबाल ने बताया कि उन्हें मंगलवार को लखनऊ कार्यालय से निर्देश मिला था कि बुधवार को पहुंचना है। बुधवार को पहुंचा तो बहनजी से मुलाकात कराई र्गई। बहनजी ने कहा -तुम चुनाव लड़ने में असमर्थ हो, मुझे सरकार बनानी है।
तुम्हारा टिकट वापस लिया जा रहा है। घोसी से टिकट अब्बास अंसारी को दिया जाएगा। अब्बास, विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे हैं। मैंने बहनजी को आश्वस्त किया कि वह पार्टी के साथ हैं। वह स्वार्थ में चुनाव लड़ने नहीं आए थे। चुनाव में पूरी मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि उनका टिकट वापस लिया जा रहा है। मैंने वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि मोहम्मदाबाद सीट से किसी अल्पसंख्यक को लड़ाना है।
विनोद ने कहा, मैंने बहनजी से यह भी कहा कि आपकी सोच गुंडों-माफियाओं के खिलाफ रही है। तो उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का गठबंधन हुआ है। अल्पसंख्यकों को संदेश देने के लिए यह जरूरी हो गया है।