मुख्यमंत्री ने की समीक्षा: सूखा क्षेत्रों में खर्च होंगे 1398 करोड़
दस्तक टाइम्स/एजेंसी-झारखण्ड: रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को सुखाड़ की स्थिति पर बैठक की़ 40 फीसदी से अधिक फसलों को नुकसान पहुंचनेवाले राज्य के 126 प्रखंडों के लिए 1398 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी़ किसानों को डीजल पर 50 फीसदी सब्सिडी देने की घोषणा भी की है़ रबी के मौसम में किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर 62 हजार क्विंटल बीज बांटे जायेंगे.
पहले किसानों को 50 फीसदी अनुदान पर बीज मिलता था. प्राेजेक्ट भवन में बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए. राहत कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग के लिए प्रधान सचिव योजना सह वित्त विभाग की अध्यक्षता में टास्क फोर्स बनायी गयी है. यह प्रत्येक सप्ताह इसकी मॉनिटरिंग करेगी. सरकार ने प्रखंडवार फसल क्षति के आकलन के आधार पर सुखाड़ घोषित करने के लिए भारत सरकार को फिर से रिपोर्ट भेजने का निर्णय लिया है.
मुख्यमंत्री ने फसल कटाई का प्रखंडवार प्रतिवेदन शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया है. इससे नुकसान का सही आकलन हो सकेगा. योजनाओं को युद्धस्तर पर चलाने का निर्देश दिया है.
नवंबर तक किसानों को रबी फसल का बीज : कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने बताया : बैठक में तय किया गया कि राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत 4.45 लाख किसानों की फसलों का बीमा हुआ है, इसके प्रीमियम की राशि सरकार वापस कर देगी. इसके लिए 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. 2010 से 2014 तक कृषि बीमा के दावों का भुगतान लंबित है, इसके लिए 20 करोड़ रुपये विशेष रूप से उपलब्ध कराये गये हैं. किसानों को तीन माह में इसका भुगतान कर दिया जायेगा़ रबी के लिए बीज आपूर्ति का आदेश निर्गत हो गया है. नवंबर में ही किसानों को बीज उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है.
सभी प्रखंडों में कृषि बैंक उपकरण : जनवरी 2016 से पहले 260 बड़े सरकारी तालाबों काे गहरा किया जायेगा़ इस पर 35 करोड़ खर्च की स्वीकृति दी गयी है. इसके अतिरिक्त 500 पक्का चेक डैम और सौर ऊर्जा पर आधारित डीप बोरिंग सह पंप सेट भी लगाये जा रहे हैं. दिसंबर तक सभी प्रखंडों में 16 करोड़ की लागत से कृषि उपकरण बैंक लगाये जायेंगे. जल निधि योजना के तहत किसानों के खेत पर 12 करोड़ की लागत से डीप बोरिंग और छोटा डोभा बनाया जायेगा. जल संसाधन विभाग ने 513 करोड़ की लागत से 773 चेक डैम निर्माण की स्वीकृति दे दी है.
2864 सौर ऊर्जा आधारित पेयजल योजनाएं : राज्य में लिफ्ट इरीगेशन की योजना का जिलावार मैपिंग करा कर इसे पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जायेगा. राज्य में 2864 सौर ऊर्जा आधारित पेयजल योजनाओं का कार्यान्वयन 225.07 करोड़ की लागत से होगा. इससे 6.35 लाख आबादी को फायदा होगा. 93 प्रखंड मुख्यालयों में पाइप जलापूर्ति नहीं है. इनमें से 64 प्रखंडों के लिए 450 करोड़ की योजना को स्वीकृति दी गयी है. 29 प्रखंडों की डीपीआर तैयार की जा रही है़ सभी उपायुक्तों को योजना पूरी करने के लिए 20 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं. बैठक में मनरेगा से अधिक कुआं निर्माण और कल्याणकारी योजनाओं के संचालन का निर्देश दिया गया है.
राहतों की हुई बारिश
किसानों को बीज का अनुदान अब 75%
4.45 लाख किसानों के फसल बीमा का 12 करोड़ वापस किया जायेगा
2010-11 से 2014 तक बकाया कृषि बीमा के दावों के लिए 56 करोड़
260 सरकारी तालाबों के गहरीकरण पर खर्च होंगे 35 करोड़
500 पक्का चेक डैम में सोलर आधारित डीप बोरिंग सिस्टम लगेगा
12 करोड़ की लागत से किसानों के खेत में डीप बोरिंग व छोटा डोभा बनेगा
पंप सेट चलाने के लिए किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी पर डीजल मिलेगा
513 करोड़ की लागत से बनेंगे 773 चेक डैम
6.53 लाख आबादी को पाइप से जलापूर्ति के लिए 225.07 करोड़
450 करोड़ की लागत से पाइप जलापूर्ति की 64 योजनाएं स्वीकृत
सभी प्रखंडों में 16 करोड़ की लागत से कृषि उपकरण बैंक लगाये जायेंगे
सुखाड़ घोषित करने के लिए भारत सरकार को फिर से भेजी जायेगी रिपोर्ट
सूखा प्रभावित इलाका
किस जिले में कौन सा प्रखंड सूखा प्रभावित
(जहां 40 फीसदी से अधिक धान की फसल प्रभावित हुई है)
रांची : अनगड़ा, बेड़ो, बुंडू, लापुंग, नामकुम, ओरमांझी, रातू, सिल्ली, इटकी, नगड़ी, राहे व एक अन्य
खूंटी : खूंटी, मुरहू, अड़की, कर्रा, तोरपा, रनिया
पलामू : मोहमदगंज, नवडीहा बाजार, पांडू, हैदरनगर, छत्तरपुर, विश्रामपुर, लेस्लीगंज, चैनपुर, रामगढ़, पांकी, मेदिनीनगर
गढ़वा : चिनिया, खरौंधी, कांडी, मेराल, रंका, केतार, गढ़वा, रमकंडा, केतार, भंडरिया, मझिआंव, डंडा, नगर ऊंटारी, विशनुपुरा, बड़गड़, रमना, डंडई
लोहरदगा : किस्को, पेसरार, कुडू, सेन्हा, भंडरा
हजारीबाग : बरही, बरकट्टा, चौपारण, इचाक, चुरचू, चलकुशा, दाड़ी, दारू, कटकम डाग, कटकम सांडी, केरेडारी, पदमा, सदर व एक अन्य
रामगढ़ : गोला, रामगढ़, मांडू, पतरातू, चितरपुर, दुलमी
चतरा : चतरा, हंटरगंज, लावालौंग, इटखोरी, गिद्धौर, पत्थलगढ़ा, सिमरिया, टंडवा व एक अन्य
जामताड़ा : कुंडहित, नाला, करमाटांड़
धनबाद : तोपचांची, बाघमारा, बलियापुर, निरसा, धनबाद
बोकारो : पेटरवार
गिरिडीह : डुमरी
देवघर : मारगोमुंडा, सोनाराढांडी
पू सिंहभूम : झींकपानी, टोंटो, मनझरी, तांतनगर, हाटगम्हिरया, चक्रधरपुर, बंदगांव, गोइलकेरा, सोनुआ, मनोहपुर, आनंदपुर, गुदड़ी, जगनाथपुर, नोआमुंडी, मंझगांव, कुमारडुगी
प सिंहभूम : गोलमुरी, पटमदा, पोटरा, बोराम, धालभूमगढ़, घाटशिला, मुसाबनी, डुमरिया, बहरामगढ़, गुड़ाबांधा व एक अन्य
सरायकेला : कुकरु, नीमडीह, गोविंदपुर, ईचागढ़, चांडिल, सरायकेला, खरसांवा
क्या है स्थिति
समीक्षा बैठक में बताया गया कि धान की 38 फीसदी, मक्का की 27 फीसदी और दलहन व तेलहन की 13.5 फीसदी फसल को नुकसान हुआ है. 64 प्रखंडों में फसल की क्षति 50 फीसदी से अधिक है, वहीं 62 प्रखंडों में 40 फीसदी से अधिक फसल बारिश नहीं होने की वजह से खराब हुई है.