नई दिल्ली : मुस्लिम समुदाय के कई उलेमाआें और दूसरे प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले सात महीने के कामकाज को लेकर आज उनकी तारीफ की और मुस्लिम संगठनों एवं धर्मगुरूआें का आह्वान किया कि वे मौजूदा सरकार के साथ संपर्क स्थापित करें ताकि विकास में मुसलमानों की अधिक भागीदारी और हिस्सेदारी सुनिश्चित हो सके। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘कौमी इत्तेहाद कांफ्रेंस’ में कई मुस्लिम उलेमा और राजनीतिक प्रतिनिधि जमा हुए और इन लोगों ने मोदी सरकार एवं मुस्लिम समुदाय के बीच ‘दूरी’ को खत्म करने की पैरवी की। इस सम्मेलन में राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी या वर्ग का नहीं होता। वह पूरे देश और सभी वर्गो’ का होता है। नरेंद्र मोदी ने पिछले सात महीने के दौरान हमेशा 125 करोड़ लोगों की बात की। इसका मतलब साफ है कि वह सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। वह शायद हमारे मुल्क के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच से कहा कि ‘मेरे देश का मुसलमान कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता’ ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री अच्छी बात कर रहे हैं और सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं तो फिर सरकार एवं मुस्लिम समुदाय के बीच किसी तरह की दूरी क्यों रहनी चाहिए? यह मुस्लिम संगठनों और उलेमाओं की जिम्मेदारी है कि वह सरकार के साथ संपर्क स्थापित करें ताकि देश के विकास में मुस्लिम समुदाय की अधिक से अधिक भागीदारी और हिस्सेदारी सुनिश्चित हो सके।’’