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मोदी सरकार बेनकाब करेगी 12 सबसे बड़े डिफाल्टरों को

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चिन्हित देश के सबसे बड़े 12 डिफाल्टरों के नाम जल्द सार्वजनिक कर दिए जाएंगे. इससे पहले बुधवार को केंद्रीय बैंक ने कहा था कि दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए 12 बड़े डिफाल्टरों को चिन्हित किया गया है. बैंकिंग क्षेत्र की कुल गैर निष्पादित एनपीए में इन 12 डिफाल्टरों का हिस्सा 25 प्रतिशत है. वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजय सान्याल ने बताया कि 12 डिफाल्टर मामलों में नाम जल्द ही सार्वजनिक होंगे. कुल फंसे हुऐ कर्ज में इनका 25 फीसदी हिस्सा है.

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इन डिफाल्टरों में से प्रत्येक के ऊपर 5000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण राशि बकाया है. सान्याल ने बताया कि दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने का अर्थ यह नहीं है कि सबकुछ कल ही होने वाला है या फिर कल सुबह ही इसकी नीलामी कर देंगे. दिवालिया हुए पक्ष के मामले में आईबीसी के तहत प्रक्रिया को पूरा करने हेतु 180 दिन की समय सीमा मिलती है और खास मामलों में इस सीमा को 90 दिन और भी बढ़ाया जा सकता है.

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आरबीआई के अनुसार आईएसी के मानदंडों के तहत कुल एनपीए में करीब 25 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले 12 डिफाल्टर खाते तत्काल कार्रवाई किये जाने के योग्य हैं. आईएसी की सिफारिशों के आधार पर शीर्ष बैंक आईबीसी के तहत शोधन कार्रवाई के लिये बैंकों को निर्देश प्रदान करेगा. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) भी ऐसे मामलों को प्राथमिकता प्रदान करेगा.

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