बचपन से सुनते आ रहे हैं कि सर्दियों में अच्छा खा लिया, तो सालभर हेल्दी रहेंगे। ठंड के कारण डाइजेस्टिव सिस्टम सही तरीके से काम करता है। लेकिन हम ख़ूब खाते तो हैं, लेकिन उसे मेन्टेन रखने के लिए एक्सरसाइज नहीं करते। नतीजतन, सेहतमंद होने के बजाय मोटे हो जाते हैं। सर्दियों में शरीर का बेसल मेटाबॉलिक रेट, यानी बीएमआर अच्छा होता है। साथ ही शरीर के बाकी अंदरूनी पार्ट्स पूरी क्षमता से काम करते हैं। इसलिए इस मौसम में यह जानना भी ज़रूरी है कि क्या और कैसे खाया जाए, जिससे इम्यूनिटी पावर का कवच हमारी रक्षा कर सके। चलिए, जानें इस मौसम में सही खानपान के तरीक़े और उसके फ़ायदे…
अच्छा खाएं
ग्रीन टी से शुरू करें दिन- सुबह ब्लैक टी के बजाय ग्रीन टी पिएं। इसमें एक चम्मच दालचीनी मिला लीजिए। ग्रीन टी अपने आप में पर्याप्त एंटी-ऑक्सीडेंट्स का काम करती है। दालचीनी मिलाने से इसका प्रतिशत बढ़ जाता है। सुबह के शारीरिक अभ्यास के बाद एक मुट्ठी मेवे खाएं। इसमें किशमिश, बादाम, अंजीर लें। इसके अलावा अंकुरित अनाज भी खा सकते हैं। इसके एक घंटे बाद अच्छा नाश्ता करें। यह नाश्ता दिनभर की एनर्जी के लिए बहुत ज़रूरी है। इसमें दलिया, दूध, शाकाहारी उपमा लें। यदि पोहा खा रहे हैं, तो अनार मिला लें। अगर मौसमी लड्डू खा रहे हैं, तो उसे दूध के साथ लें।
लंच में सलाद ज़रूर लें- दोपहर का भोजन न्यूट्रिशन से भरपूर होना चाहिए। खाने में दो प्रकार की हरी सब्ज़ियों को शामिल करें। इसके साथ ही दाल को पोषक बनाने के लिए एक साथ तुअर, मूंग, मसूर की दालें मिलाकर बनाएं। खाने में रोज़ाना आटे की रोटियों के बजाय बहु अनाज वाले आटे का उपयोग करें। हफ़्ते में दो दिन ज्वार या बाजरे की रोटी भी खाएं। इसके अलावा खाने में ताज़ा दही, सलाद, चटनी को शामिल करें।
सलाद में अनार, गाजर, मूली, चुकंदर का सेवन करें और ऊपर से नींबू निचोड़ लें। यह विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है। जिन्हें कब्ज़ की समस्या है उनके लिए अमरूद रामबाण की तरह है। खाने के बाद रोज़ाना एक अमरूद ज़रूर लें। इसके अलावा भोजन से पहले अमरूद खाने से वज़न नियंत्रित रहता है। शाम के समय 4-4.30 बजे चाय के साथ जई के बिस्किट ले सकते हैं। चाहें तो घर में तैयार की हुई चिक्की, खांडवी, गजक खा सकते हैं।
रात का खाना हल्का और पौष्टिक हो- रात्रि भोज के पहले 7 बजे के आसपास जूस या फल ले सकते हैं। 8-9 बजे तक भोजन कर लें। रात का भोजन गरिष्ठ नहीं होना चाहिए। इस समय खिचड़ी, दलिया, फ्रूट चाट खा सकते हैं। दफ़्तर में देर तक काम करने वाले या देर रात तक पढ़ने वाले बिस्किट, चिप्स के बजाय फल खाएं, तो बेहतर है। इसके अलावा रात में गुनगुना दूध भी लेना चाहिए।
पूरा पचाएं
क़सरत है ज़रूरी- डाइट के अनुसार मेहनत करना ज़रूरी है, जिससे शरीर में एक्स्ट्रा कोलेस्ट्रॉल जमा न हो। एक्सरसाइज के साथ सुबह की सैर, दौड़ और जिम में एक्सरसाइज करना ज़रूरी है। एक्सपर्ट्स की सलाह लेकर एक्सरसाइज का समय बढ़ा दें। इसके अलावा पसीना सोखने वाले कपड़े पहनें। पसीना सीधे हवा के सम्पर्क में आने से या ठंडे मौसम की वजह से शरीर में ठंड बैठ सकती है। इसके अलावा अस्थमा, हृदय रोग से पीड़ित लोगों को खास ध्यान देने की ज़रूरत है। सैर पर जा रहे हैं, तो हल्की धूप निकलने के बाद ही घर से निकलें।
क्या करें
1. कामकाजी लोग बैग में मौसमी फलों के साथ आंवले का मुरब्बा, आंवले का अचार या आंवले की सुपारी रखें और समय-समय पर खाते रहें। इससे विटामिन-सी मिलता है।
2. गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पीने से फ़ायदा होता है। इसके अलावा गुड़, तिल में सौंठ मिलाकर लड्डू बनाकर खाएं। इससे आयरन, प्रोटीन और कैल्शियम मिलता है। गर्म तासीर वाली चीज़ों का इस्तेमाल बढ़ा दें। जैसे गर्म मसाले, अजवायन, लौंग, जीरा, मेथी दाना, बड़ी इलायची आदि का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
4. ठंडी हवा सीधे कान में न जाए, इसके लिए मफलर, स्कार्फ आदि से ख़ुद को बचाएं। कानों में रूई भी लगा सकते हैं। गाड़ी चलाते समय जैकेट पहन सकते हैं।
सुबह मुंह और नाक ढंककर घूमने जाएं। इस मौसम में धूल और धुंआ (स्मोक) कोहरे (फॉग) के सा थ मिलकर स्मॉग (स्मोक+फॉग) बनाते हैं। यह वज़नदार होने के कारण वातावरण में नीचे आ जाता है, जिससे अस्थमा की परेशानी बढ़ जाती है।
क्या न करें
5. घास पर या फर्श पर नंगे पैर न घूमें।
6. खट्टी चीज़ें, जैसे- दही और नींबू के साथ चावल, पोहे, दूध और देशी घी से बनी चीज़ों से कफ की समस्या हो सकती है। दही भी ताज़ा और दिन के समय ही खाएं।
तला-भुना, डिब्बाबंद खाना न खाएं। घर में तैयार सूप और जूस लें।
7. ठंड के कारण चाय की ज्य़ादा आदत होती है। चाय भूख मार देती है। इसके बजाय ग्रीन टी पी सकते हैं।
8. एक्सरसाइज के बाद खुले में न घूमें।