अद्धयात्म
यह दिन माना जाता है शुभ सौभाग्य और सफलता का सूचक
जिसका कभी क्षय न हो अर्थात कभी नष्ट न होता हो, वह अक्षय है। वैशाख शुक्ल की तृतीया तिथि ही अक्षय तृतीया या अक्खा तीज कहलाती है।
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं, जबकि पूरे वर्ष वे वस्त्रों से ढके रहते हैं। भगवान विष्णु ने परशुराम अवतार इसी दिन लिया था। यह दिन शुभ सौभाग्य और सफलता का सूचक माना जाता है।
अक्षय तृतीया के दिन खरीदे गए आभूषण एवं सामान शाश्वत समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं। इस दिन शुरू किए गए काम में सफलता मिलती है। इस दिन जाने-अनजाने किए गए अपराधों के लिए व्यक्ति सच्चे मन से यदि क्षमा प्रार्थना कर ले, तो ईश्वर उसके अपराधों को क्षमा कर देते हैं और उसे सद्बुद्धि तथा सद्गुण प्रदान करते हैं। इस वर्ष यह तिथि 28 अप्रैल है।