आमतौर पर थानों में ड्यूटी देने वालीं महिला पुलिस कर्मी अब शहर की ट्रैफिक को कंट्रोल कर रही हैं। चेहरे पर कोई शिकन नहीं। घंटों महिला ट्रैफिक कांस्टेबल शहर की सड़कों पर आपको ट्रैफिक व्यवस्थित करतीं हुईं नजर आएंगी। इस ड्यूटी को लेकर इनमें गजब का उत्साह देखा जा सकता है। इनकी नजरें दोनों तरफ से आ रही गाड़ियों से लग रहे जाम को व्यवस्थित कर रही हैं।
ठंड हो, तेज धूप हो या बारिश ये हरदम अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद नजर आती हैं। सिर पर सफेद हैट, रिफ्लेक्टिव जैकेट, दस्तानें और वायरलेस वॉकी-टॉकी से ट्रैफिक विंग ने इन्हें लैस किया है। अंधेरे में गाड़ियों की लाइट पड़ने से रिफ्लेक्टिव जैकेट चमक उठता है। यह आरक्षियों को यातायात सुचारु रखने में सहायक है। स्कूलों के खुल जाने और विधानसभा सत्र के शुरू हो जाने के बाद शहर में लगातार जाम की समस्या बनी रहती है।
शहर की सड़कों पर जाम से निजात दिलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने दर्जनों महिला आरक्षी तैनात की हैं। बुधवार को ‘अमर उजाला’ की टीम ने ड्यूटी पर तैनात ऐसे कुछ महिला आरक्षी से जानने की कोशिश की कि इस चुनौतीपूर्ण ड्यूटी को कैसे निभा पाती हैं। जिसमें घंटों खड़े रहकर शहर की यातायात व्यवस्था का देेखना पड़ता है।
हाईकोर्ट के समीप ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात आरक्षी मंजू का कहना है कि शहर का ट्रैफिक संभालना अच्छा अनुभव है। शहर में जाम की समस्या अकसर बनी रहती है, ऐसे में ड्यूटी मुस्तैदी से करनी पड़ती है।
ड्यूटी से आत्मविश्वास बढ़ा: अनु
विक्ट्री टनल के समीप ड्यूटी पर तैनात आरक्षी अनु ने बताया कि वह चार साल से ट्रैफिक व्यवस्था को देख रही हैं। इसमें विभाग पूरा सहयोग करता है। दिन भर पब्लिक से डील करना पड़ता है। इससे आत्मविश्वास बढ़ा है।
साहस हो तो कुछ भी नहीं मुश्किल: सुनीता
विधानसभा के पास ड्यूटी पर तैनात महिला आरक्षी सुनीता ने बताया कि अगर साहस को तो कुछ भी करना मुश्किल नहीं होता है। जब वह वर्दी पहनती हैं तो नए उत्साह का संचार होता है।
ट्रैफिक कंट्रोल करना चुनौतीपूर्ण काम: सरोज
रेलवे स्टेशन के समीप ड्यूटी दे रही सरोज ने बताया कि शहर का ट्रैफिक कंट्रोल करना एक चुनौतीपूर्ण काम है। दिन भर तरह-तरह के लोगों से बात करनी पड़ती है। पिछले साल उन्हें बेहतरीन ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए इनाम भी मिला है।