यहां झाड़ू अर्पित करने से शिव जी होते हैं प्रसन्न, मनोकामना पूरी होने के साथ ही ठीक हो जाते त्वचा रोग
भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते
जी हां यह अनोखा शिव मंदिर मुरादाबाद-आगरा राजमार्ग पर सदत्बदी गांव में स्थित है। इस प्राचीन मंदिर को पातालेश्वर नाम से जाना जाता है। वैसे तो यहां पर साल भर भक्तों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन सावन के महीने में भक्तों की भीड़ ज्यादा होती है। यहां भक्तों को लंबी लाइन लगाने के बाद दर्शन मिलते हैं। वहीं इस मंदिर में भक्त शिव जी को झाड़ू अर्पित करते है। मान्यता है कि झाड़ू अर्पित करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे चर्म, खुजली आदि सब ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा यहां पर आने वालों भक्तों पर भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं और उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। इस मंदिर के इतिहास के बारे में क्षेत्रीय लोगों को स्पष्ट रूप से नहीं पता है लेकिन हां उनका कहना है कि सदियों पहले एक व्यापारी भिखारीदास से इसकी एक कहानी जुड़ी है। मंदिर का निर्माण कराया
व्यापारी भिखारीदास काफी धनवान थे लेकिन उन्हें चर्म रोग था। एक बार वह अपने चर्म रोग के इलाज के लिए किसी वैद्य के पास जा रहे थे। ऐसे में जब उन्हें रास्ते में प्यास लगी तो वे रुक गए और एक आश्रम में पानी पीने जाने लगे। इस दौरान वह एक झाड़ू से टकरा गए। हैरानी की बात तब हुई जब उस झाड़ू से टकराते ही उनका त्वचा रोग ठीक हो गया। व्यापारी भिखारीदास बहुत खुश हुए और उन्होंने यह चमत्कार सभी को बताया। इसके बाद उन्होंने खुशी में लोगों को हीरे जवाहरात आदि बांटने की योजना बनाई। तभी उनके करीबियों ने उन्हें ऐसा करने से मना किया और इसकी जगह उन्हें एक शिव जी का मंदिर निर्माण कराने की सलाह दी। इस पर व्यापारी भिखारीदास भी तुरंत तैयार हो गए। ऐसे में तभी से इस मंदिर में शिव जी को झाड़ू अर्पित करने की प्रथा शुरू हो गई।