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यहां पढ़ें यूपी कैबिनेट के सभी बड़े फैसले

akhilesh-yadav_1458319090प्रदेश कैबिनेट ने सचिवालय व सचिवालय के समकक्षता प्राप्त विभागों के कर्मचारियों के सचिवालय भत्ते में 25 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारियों को 165 रुपये से लेकर 500 रुपये तक फायदा होगा। करीब 12500 कर्मचारी इसका सीधा फायदा पाएंगे।
बताते चलें, सचिवालय समन्वय समिति ने उत्तराखंड की तरह ग्रेड पे का 50 फीसदी सचिवालय भत्ते की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन किया था।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बजट सत्र के दौरान समिति के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी और मुख्य सचिव आलोक रंजन को मांगों पर विचार के निर्देश दिए थे। बुधवार को कैबिनेट ने मौजूदा सचिवालय भत्ते में 25 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी। समन्वय समिति के संयोजक ओंकारनाथ तिवारी ने पदवार भत्तों में बढ़ोतरी की जानकारी दी। 
पदनाम–वर्तमान भत्ता–बढ़ा हुआ भत्ता
अनुसेवक–625–790
कंप्यूटर सहायक–700–880
सहायक समीक्षा अधिकारी व समकक्ष–850–1070
समीक्षा अधिकारी व समकक्ष–1200–1500अनुभाग अधिकारी व समकक्ष–1500–1880
अनुसचिव व समकक्ष–1550–1890
उपसचिव व समकक्ष–1650–2070
संयुक्त सचिव व समकक्ष–1800–2250
विशेष सचिव व समकक्ष–2000–2500

समन्वय समिति ने सीएम का जताया आभार
समन्वय समिति के संयोजक ओंकारनाथ तिवारी व समिति के पदाधिकारियों यादवेंद्र मिश्र, शिव गोपाल सिंह, शिवशंकर द्विवेदी, केबीएल श्रीवास्तव, कृष्ण गोपाल शर्मा, योगेंद्र कुमार, मुदस्सिर हुसैन, अर्जुनदेव भारती, गोपीकृष्ण श्रीवास्तव, विनीत कुमार शर्मा ने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुख्य सचिव आलोक रंजन के प्रति आभार जताया है।
तिवारी ने कहा कि वित्त विभाग के अधिकारियों ने कैबिनेट के सामने मुख्यमंत्री से हुई वार्ता की वास्तविक स्थिति नहीं रखी है। इससे सचिवालय भत्ते में विसंगति अब भी बनी हुई है। 

 

जिलों में छह साल और मंडल में दस साल की सेवा पूरी करने वाले समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकारियों के तबादले होंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने बुधवार को वार्षिक स्थानांतरण नीति 2016-17 को मंजूरी दे दी। निशक्तजनों को नीति से मुक्त रखा गया है। स्थानांतरण 30 जून तक किए जा सकेंगे।

समूह ‘क’ के अधिकारियों का स्थानांतरण विभागीय मंत्री और समूह ‘ख’ का स्थानांतरण विभागाध्यक्ष करेंगे। समूह ‘ग’ के अधिकारियों का स्थानांतरण पहले की तरह होगा, इसे विभागाध्यक्ष ही करते रहेंगे। स्थानांतरण की सीमा 10 प्रतिशत होगी। निशक्तजनों को ट्रांसफर नीति से मुक्त रखा गया है।

पॉलिसी में ट्रांसफर की कटऑफ डेट 31 मार्च, 2016 तय की गई है। इस सत्र के सभी स्थानांतरण 30 जून तक किए जाएंगे। विभागीय आवश्यकता होने पर स्थानांतरण नीति में संशोधन भी कराया जा सकता है। इसके लिए विभागों को विभागीय मंत्री के जरिये मुख्यमंत्री की अनुमति लेनी होगी।

जनहित व प्रशासनिक हित में मुख्यमंत्री कभी भी किसी भी कार्मिक के स्थानांतरण का आदेश दे सकेंगे। स्थानांतरण नीति में संशोधन की कार्यवाही मुख्यमंत्री की अनुमति से की जा सकेगी।

इन्हें मनचाही पोस्टिंग
दो साल के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले समूह ‘ग’ के कार्मिकों को उनके गृह जिले और समूह ‘क’ व ‘ख’ के कार्मिकों को उनके गृह जिले को छोड़कर उनकी इच्छा वाले जिले में तैनाती देने पर विचार किया जा सकेगा। 

 

कैबिनेट ने वस्त्र उद्योग नीति-2014 के तहत अधिक पूंजीनिवेश वाली स्पिनिंग मिल की मेगा परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इम्पावर्ड कमेटी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

यह कमेटी केस टू केस के आधार पर मिलों को विशेष सुविधा व रियायतों पर अपनी सिफारिश करेगी। कमेटी में प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, प्रमुख सचिव न्याय, प्रमुख सचिव नियोजन, प्रमुख सचिव वित्त एवं प्रमुख सचिव हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग सदस्य होंगे।

प्रस्ताव के अनुसार, कमेटी की सिफारिश को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद नियम शिथिल कर संबंधित स्पिनिंग मिल की परियोजना को रियायत या सुविधा दी जाएगी। फैसले के मुताबिक 75 करोड़ रुपये से अधिक पूंजी निवेश वाली स्पिनिंग मिल के लिए रियायत की सिफारिश वस्त्र उद्योग नीति-2014 के विपरीत नहीं होनी चाहिए।

यह भी फैसला हुआ कि इन मिलों को भूमि का आवंटन, जल व बिजली के कनेक्शन प्राथमिकता से दिए जाएंगे। जहां उद्योग लगाया जा रहा है वहां अगर सड़क  बनाने या बिजली लाइन पहुंचाने, सीवर  अथवा पानी की लाइन की जरूरत है तो इस काम को भी सरकार द्वारा पूर्ण या आंशिक व्यय के आधार पर कराने पर विचार किया जाएगा। 

कैबिनेट ने सूबे के तीन जिलों में चार नई तहसीलें बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अखिलेश सरकार में बनाई गई तहसीलों की संख्या अब बढ़कर 33 हो गई है। जबकि सूबे में तहसीलों की संख्या बढ़कर 346 हो गई है।

कैबिनेट ने चंदौली जिले में नौगढ़, पीलीभीत जिले में अमरिया व कलीनगर तथा कन्नौज में हसेरन को नई तहसील बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन नई तहसीलों के मुख्यालय इनके नाम से जुडे कस्बों में ही होंगे। नई तहसीलों के लिए 100 से 120 लेखपाल क्षेत्र होने चाहिए।

कन्नौज की हसेरन को 45 लेखपाल क्षेत्र की, पीलीभीत की कलीनगर को 36 की, अमरिया को 42 पूर्ण व सात आंशिक लेखपाल क्षेत्र की तथा चंदौली की नौगढ़ को मात्र 11 लेखपाल क्षेत्र की तहसील बनाने को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने जनहित, लोकहित व प्रशासनिक नजरिए से मानक को शिथिल कर नई तहसीलें बनाने को मंजूरी दी है। 

 

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खरीफ सीजन 2016 से प्रदेश में लागू करने का फैसला किया है। मौजूदा समय संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना 65 और मौसम आधारित फसल बीमा योजना 10 जिलों में लागू है। अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगी।

वहीं पुनगर्ठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना कुशीनगर, गोरखपुर, फतेहपुर और फीरोजाबाद में लागू की जाएगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मोटा अनाज, दलहन, तिलहन, वार्षिक नकदी और औद्यानिकी फसलों को कवर किया जाएगा।

पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना औद्यानिक फसल केला के लिए कुशीनगर एवं गोरखपुर और मिर्च के लिए फतेहपुर व फीरोजाबाद में लागू होगी। 

कैबिनेट ने मैनपुरी में 150 सीटों की क्षमता का अत्याधुनिक मीटिंग हॉल बनाने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर के कई भवनों को समय से पहले ध्वस्त करने की मंजूरी दे दी है।

इनमें उप जिलाधिकारी, राजस्व अधिकारी, अभियोजन कार्यालय व भूलेख कार्यालय भवन शामिल हैं। इन भवनों की समय सीमा अभी पूरी नहीं हुई है। इसके बावजूद कैबिनेट ने इन्हें ध्वस्त करने की अनुमति दे दी है।

सैफई में 346 करोड़ से होगा स्टेडियम का निर्माण
कैबिनेट ने सैफई में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए लगभग 346.57 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। इस स्टेडियम को कई विशिष्ट सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इसका निर्माण अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के आधार पर किया जा रहा है। जिससे स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच भी हो सकें।

फीरोजाबाद-शिकोहाबाद विकास क्षेत्र में शामिल होंगे 119 राजस्व ग्राम
फीरोजाबाद-शिकोहाबाद विकास क्षेत्र में 119 राजस्व ग्रामों को शामिल करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसी तरह मथुरा-वृंदावन विकास क्षेत्र का विस्तार करते हुए 6 राजस्व ग्रामों को शामिल करने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई है। प्रस्ताव के तहत मथुरा तहसील के 3 गांव पौरी, रहीमपुर और शाहपुर के अलावा छाता तहसील के बरसाना, संकेत व गाजीपुर राजस्व ग्रामों को विकास क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। 

 

प्रदेश कैबिनेट ने संस्थागत वित्त, बीमा एवं वाह्य सहायतित परियोजना महानिदेशालय में अधिकारी वर्ग के सात नए पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है।

इस क्रम में अपर सांख्यिकी अधिकारी व अपर शोध अधिकारी के पदों का विलय करते हुए अपर शोध अधिकारी (सांख्यिकी) पदनाम देने, सहायक सांख्यिकीय अधिकारी व सहायक शोध अधिकारी के पदों का विलय कर सहायक शोध अधिकारी (सांख्यिकी) पदनाम देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

इसके अलावा सहायक निदेशक व उपनिदेशक के मौजूदा छह-छह पदों को बढ़ाकर आठ-आठ तथा अपर निदेशक ग्रेड वेतन 8900 के पद को अपर निदेशक ग्रेड-1 पदनाम देने तथा अपर निदेशक ग्रेड-2 पदनाम से ग्रेड वेतन 8700 में एक नया पद सृजित करने को मंजूरी दी है।

इसी तरह निदेशक पदनाम से 10,000 ग्रेड-पे में एक नया पद बनाने और महानिदेशक  के पद को 67000 वेतनमान से तीन प्रतिशत वार्षिक वेतनवृद्धि के साथ 79000 के वेतनमान में उच्चीकृत करने को भी अनुमति दे दी है। 

आगरा से इटावा के लॉयन सफारी तक 197.580 किमी. लंबे ‘साइकिल हाईवे’ की निर्माण परियोजना को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है। इस हाईवे की खास बात यह होगी कि यह आगरा-इटावा मुख्य मार्ग से न होकर विभिन्न ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थलों से गुजरेगा।

बाह और कचौराघाट होते हुए आगरा से लॉयन सफारी तक की दूरी 115 किलोमीटर है, लेकिन प्रस्तावित साइकिल हाईवे ऐतिहासिक स्मारकों और तीर्थ स्थलों जैसे राजा भोज की हवेली, होलीपुरा, बटेश्वरनाथ मंदिर, शैरीपुर जैन मंदिर, मेला कोठी जरार और नौगवां का किला समेत कई अन्य स्थानों से होते हुए इटावा और आगरा को जोड़ेगा।

इसके निर्माण से जहां देश-विदेश के पर्यटकों को साइकिल यात्रा के साथ-साथ प्रसिद्ध स्थलों को देखने का मौका मिलेगा, वहीं इससे राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पर्यटक ताजमहल के दीदार करने के साथ-साथ भारतीय ग्रामीण जीवन, हरियाली और बर्ड वॉचिंग का भी लुत्फ भी ले सकेंगे।

होम्योपैथी चिकित्सा सेवा (तृतीय संशोधन) नियमावली, 2016 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। संशोधित नियमावली में होम्योपैथी चिकित्सकों को पदोन्नति के ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने के लिए संवर्ग का पुनर्गठन किया गया है।

अभी तक इन चिकित्सकों की पदोन्नति के लिए सिर्फ 78 पद ही थे। नए प्रस्ताव में इन पदों की संख्या बढ़ाकर 511 कर दी गई है। प्रदेश में होम्योपैथी चिकित्सकों का संवर्ग कुल 1684 पदों का है। ताजा फैसले से 1173 पद सीधी भर्ती के और 511 पद पदोन्नति के हो जाएंगे।

जानकारी के मुताबिक, नियमावली में वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी के 408 पद बनाए गए हैं। जिला होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी के 75 पदों को यथावत रखते हुए उपनिदेशक के चार पद सृजित किए गए हैं।

संयुक्त निदेशक के तीन पद और सभी मंडलों पर मुख्य होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी के 18 पदों का सृजन किया गया है। निदेशालय स्तर पर पूर्ववत दो पद अपर निदेशक और एक पद निदेशक का बरकरार रखा गया है। सरकार के इस फैसले से होम्योपैथी चिकित्सकों को अपने सेवाकाल में कम से कम एक प्रमोशन जरूर मिल जाएगा। 

प्रदेश कैबिनेट ने राजस्व परिषद के कार्यालय में कार्यरत समीक्षा अधिकारियों को सचिवालय की तरह राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने को मंजूरी दे दी है। राजस्व परिषद में समीक्षा अधिकारी के 117 स्थाई व 17 अस्थायी पद अर्थात कुल 134 पद स्वीकृत हैं।

सभी राजकीय विभागों के ईडीपी संवर्ग की एक नियमावली
कैबिनेट ने राजकीय विभागों की इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग (ईडीपी) संवर्ग की नई नियमावली को मंजूरी दे दी है। इससे सभी राजकीय विभागों में ईडीपी के पद पर एक समान अर्हता, वेतनमान व भर्ती की विधि लागू हो जाएगी।

नियमावली में कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए के सभी पद सीधी भर्ती से भरने का प्रावधान किया गया है। इनकी भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करेगा।

इस पद पर भर्ती के लिए किसी मान्यता प्राप्त संस्था या विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में डिप्लोमा के साथ इंटरमीडिएट या डीओई का ‘ओ’ लेवल के प्रमाणपत्र के साथ इंटरमीडिएट जरूरी होगा।

कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी का पद ग्रेड ए केपद पर छह साल की सेवा जबकि कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड सी का पद, ग्रेड बी के पद पर छह साल की सेवा वाले पदधारक से भरा जाएगा।

प्रदेश के किसानों को 2016-17 में दलहनी और तिलहनी फसलों की उन्नतिशील प्रजातियों के बीजों पर पहले से ज्यादा अनुदान मिलेगा। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति दे दी गई। विशेष प्रोत्साहन के तहत अनुदान राशि में प्रति क्विंटल 1200 रुपये तक की बढ़ोत्तरी की गई है।

दलहनी फसलों-उर्द, मूंग, अरहर, चना, मटर और मसूर की पैदावार बढ़ाने के लिए राज्य सेक्टर से प्रमोशनल प्रजाति पर 800 रुपये और मेंटिनेंस प्रजाति पर 600 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान राशि स्वीकृत थी, जिसे बढ़ाकर 15 वर्ष तक की सभी प्रजातियों के खरीफ दलहन के बीजों पर 2000 रुपये और रबी दलहन के बीजों पर 1500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। कैबिनेट से मंजूर प्रस्ताव के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार की ओर से देय अनुदान बीज मूल्य के 50 प्रतिशत सीमा तक होगा।

इसी तरह से अभी तक तिलहनी फसलों की प्रमोशनल प्रजाति पर 800 रुपये और मेंटिनेंस प्रजाति पर 600 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान देय था, जिसे भी बढ़ाने का फैसला किया गया है। अब 15 वर्ष तक की सभी खरीफ तिलहन की प्रजातियों पर 1500 रुपये और रबी तिलहन की सभी प्रजातियों पर 800 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान दिया जाएगा।

खरीफ तिलहन में तिल, मूंगफली व सोयाबीन और रबी तिलहन में राई, सरसों, तोरिया व अलसी रखी गई हैं। वित्त वर्ष 2016-17 में राज्य सेक्टर से प्रदेश के सभी जिलों में दलहन और तिलहन के प्रमाणित बीजों के वितरण पर 27.90 करोड़ रुपये अनुदान दिए जाने की योजना है। 

बुंदेलखंड के 7 जिलों के अलावा मिर्जापुर, सोनभद्र और फतेहपुर में भी तिल के बीजों पर अतिरिक्त अनुदान देने का निर्णय किया गया है।

इन तीन जिलों में भी 2015-16 में मिट्टी में नमी न होने के कारण बोआई कम हुई थी। इन सभी दस जिलों में 2016-17 में तिल बीज वितरण पर राज्य सेक्टर से 88 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विशेष अनुदान दिए जाने का फैसला किया गया।

केंद्र सरकार की ओर से देय अनुदान इससे अलग होगा। साथ ही इन जिलों में तिल की प्रजातियों पर देय अनुदान पर 50 प्रतिशत की सीमा भी लागू नहीं होगी।

 
 
 

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