लखनऊ। प्रदेश के सूखाग्रस्त इलाकों के लिए राज्य सरकार को केंद्रीय पैकेज मिलने की संभावना दिखाई दे रही है। दिल्ली से आए केंद्रीय अफसरों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुख्य सचिव आलोक रंजन ने मुलाकात की और अपनी जरूरतों को उनके सामने रखा। मुख्य सचिव ने भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल से 6138.42 करोड़ रुपए देने का अनुरोध किया है। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि यूपी के 44 जनपद सूखाग्रस्त घोषित किए जा चुके हैं। इनमें किसानों को राहत उपलब्ध कराने के लिए आगामी मार्च 2015 तक राजस्व वसूली रोक दी गई है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार से आए केंद्रीय दल द्वारा विभिन्न जनपदों का निरीक्षण करने के बाद आगामी 27 सितंबर को दोबारा लखनऊ में बैठक की जाएगी। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सूखाग्रस्त जिलों में विभागवार कार्य-योजना के तहत राहत सहायतार्थ मांगा। इसमें विभिन्न जिलों से फसल नुकसान के लिए किसानों को राहत सहायतार्थ 685.41 करोड़, कृषि विभाग के लिए 999.33 करोड़, उद्यान विभाग के लिए 20.57 करोड़, मत्स्य विभाग के लिए 71.06 करोड़, पावर कॉर्पोरेशन के लिए 1162.00 करोड़, सिंचाई एवं जलसंसाधन के लिए 91.39 करोड़, पशुपालन विभाग के लिए 639.76 करोड़, लघु सिंचाई के लिए 258.65 करोड़, भूजल विभाग के लिए 9.11 करोड़, स्वास्थ्य विभाग के लिए 38.76 करोड़, सिंचाई विभाग के लिए 1498.10 करोड़, जल निगम के लिए 555.03 करोड़ और वन विभाग के लिए 109.25 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया है।