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यूपीः मायावती सरकार के 5 भ्रष्ट मंत्रियों पर चलेगा केस
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बताते चलें कि पूर्व मंत्री के खिलाफ हुई जांच में उनके द्वारा ज्ञात साधनों से 295 फीसदी अधिक संपत्ति अर्जित करने के सुबूत मिले थे। इतनी अधिक संपत्ति उन्होंने कैसे अर्जित की, इसका वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे।
बसपा के सत्ता से बाहर जाने के बाद सपा सरकार ने अपने शुरुआती दिनों में ही विजिलेंस को भ्रष्टाचार के आरोप में फंसने वाले पूर्व मंत्रियों के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया था।
त्रिपाठी के खिलाफ विजिलेंस को कई ठोस सुबूत हासिल हुए थे। इस दौरान लैकफेड घोटाले में भी उनसे पूछताछ की गई थी। विजिलेंस ने अपनी खुली जांच में पाया था कि 13 मई 2007 से पांच अक्तूबर 2011 तक उच्च शिक्षा मंत्री रहने के दौरान उन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित की थी।
जबकि, उनके वैध संसाधनों से कुल आय 45,82,215 रुपये ही थी, लेकिन अर्जित परिसंपत्तियॉं व व्यय 1,81,20,566 रुपये पाया गया था। इस प्रकार विवेचना में प्रथम दृष्टया वैध आय से 1,35,38,351 रुपये अधिक आय मिली जो 295 प्रतिशत ज्यादा है ।