योगी के 100 दिन : सहारनपुर की घटनाओं ने सरकार को किया परेशान
सहारनपुर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल में सहारनपुर मे हुई साम्प्रदायिक और जातीय हिंसा के कारण 2 जिलाधिकारी, 2 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, एक मंडलायुक्त और एक पुलिस उप महानिरीक्षक को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश में सरकार बनते ही 20 अप्रैल को सड़क दूधली गांव मे हुई हिंसा में 6 मुकदमें दर्ज किए गए, जिसमें इन मुकदमों मे सांसद एवं विधायक समेत भाजपा के कई स्थानीय नेताओं को आरोपी बनाया गया। योगी सरकार ने कानून व्यवस्था न संभाल पाने के कारण इस हुई हिंसा में जिलाधिकारी शफ्कत कमाल और एसएसपी लव कुमार का तबादला कर दिया गया।
सहारनपुर में 5 मई को रामनगर मे हुई जातीय हिंसा मे दर्जनों वाहन बवालियों ने फूंक दिए तथा कई जगह आगजनी करके सहारनपुर आग में सुलगा दिया। फिर 4 दिन बाद शब्बीरपुर गाँव 9 मई को जातीय हिंसा में सुलग गया यहाँ लगभग पचपन दलितों के घर फूंक दिए गए। 23 मई को शब्बीरपुर गांव में बसपा सुप्रीमो मायावती दलितों को सहानभूति दिखाने पहुंची। उसके बाद शब्बीरपुर की हुई रैली खत्म होते ही रास्ते में घर जा रहे लोगों पर हिंसा हुई जिसमें चौपट हुई कानून व्यवस्था का ठीकरा कई प्रशासनिक अधिकारियों पर फूटा, जिसमें जिलाधिकारी एन पी सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस के दुबे को निलंबित कर दिया गया तथा कमिश्नर एम के अग्रवाल और डीआईजी जे के शाही का स्थानांतरण कर दिया गया।