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राहुल गांधी को पी चिंदबरम से ट्यूशन लेना चाहिए, राइट ऑफ का मतलब कर्ज माफी नहीं होता : प्रकाश जावडेकर

नई दिल्ली : भाजपा और कांग्रेस में लोन डिफॉल्टर्स के मुद्दे पर बहस तेज हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के राहुल गांधी को जवाब देने के 13 घंटे बाद प्रकाश जावडेकर ने भी राहुल पर कटाक्ष किया है। जावडेकर ने बुधवार को कहा- राहुल गांधी समझ लें कि राइट ऑफ का मतलब माफी नहीं होता। मोदी सरकार ने किसी का एक पैसे का कर्ज माफ नहीं किया है। भ्रम फैलाने से फायदा नहीं होगा। राहुल गांधी को राइट ऑफ और वेव ऑफ का फर्क समझने के लिए पी चिदंबरम से ट्यूशन लेना चाहिए। जावडेकर ने कहा कि राइट ऑफ अकाउंटिंग का नॉर्मल प्रोसेस है। यह बैंकों को डिफॉल्टर के खिलाफ कार्रवाई करने या रिकवरी करने से नहीं रोकता।

एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने बताया था कि 30 सितंबर 2019 तक 50 कंपनियों का 68 हजार 607 करोड़ रुपए का कर्ज राइट ऑफ किया गया था। यह जानकारी मंगलवार को सामने आई। राहुल गांधी ने ट्वीट किया था- संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्न पूछा था, मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक चोरों के नाम बताइए। वित्तमंत्री ने जवाब देने से मना कर दिया। अब आरबीआई ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी समेत भाजपा के मित्रों के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाले हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया था- बैंक लुटेरों द्वारा पैसा लूटो-विदेश जाओ-लोन माफ कराओ ट्रैवल एजेंसी का पर्दाफाश! भगोड़ों का साथ-भगोड़ों का लोन माफ बना है भाजपा सरकार का मूलमंत्र। लघु उद्योग,दुकानदारी,व्यवसाय ठप्प हो गए, इसके बावजूद मोदी सरकार द्वारा बैंक डिफॉल्टरों को 68 हजार 607 करोड़ रुपए की माफी दी जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार रात 11 बजे एक के बाद एक 13 ट्वीट कर राहुल गांधी और कांग्रेस को जवाब दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि राहुल और सुरजेवाला ने लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है। वे तथ्यों को गलत तरीके से बताकर सनसनीखेज बना रहे हैं।

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