लड़के न करें परेशान इसलिए क्लास को दो भागों में बांटा
पश्चिम बगाल के सूरी सब-डिविजन स्थित बड़हरा हाई स्कूल ने एक अलग ही तरह का प्रयोग किया है। छात्र द्वारा छात्राओं को परेशान किए जाने की शिकायत मिलने पर इसने 10वीं और 12वीं क्लास को लैंगिक आधार पर बांट दिया। अब यहां लड़के और लड़कियां अलग-अलग दिन स्कूल आते हैं, ताकि लड़के लड़कियों को परेशान न कर पाएं।
हैरान करने वाली बात यह है कि इन दोनों क्लास में लड़कों की संख्या लड़कियों से कम है। 10वीं में 130 लड़कियां और 95 लड़के ही हैं। जबकि 12वीं में 87 लड़के और 127 लड़कियां हैं। बहुमत में होने के बावजूद लड़कियों ने शिकायत की थी कि वे लड़कों के साथ सहज महसूस नहीं करतीं। इसके बाद स्कूल ने क्लास को 15-15 दिन के लिए दोनों के बीच बांट दिया। लड़कों से कहा गया है कि वे सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को स्कूल आएं, जबकि लड़कियां मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को स्कूल आएंगी।
इस स्कूल में 31 शिक्षक हैं जिनपर 2400 स्टूडेंट्स की जिम्मेदारी है। प्रभारी टीचर कंचन अधिकारी ने इस संबंध में कहा, ‘पिछले साल, हमें पता चला कि हायर सेकंड्री के लड़के लड़िकयों को परेशान करते हैं। इस साल भी इसमें कोई फर्क नहीं आया। अभिभावक भी शिकायत करने लगे कि उनकी लड़कियों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लड़के लड़कियों की मोबाइल से तस्वीरें लेते हैं और वे गलत कॉन्टेंट के साथ इसे आगे भेजते हैं।’
हालांकि, टीचर्ज असोसिएशन और सरकारी अधिकारी ने इससे इनकार किया है। पश्चिम बंगाल तृणमूल टीचर्स असोसिएशन की जिला अध्यक्ष प्रलय नायक ने कहा, ‘स्कूल अकेले यह फैसला नहीं कर सकता।’
स्कूल के जिला इंस्पेक्टर रेजौल हक ने कहा, ‘स्कूल ने हमसे इजाजत नहीं मांगी। मैं प्रभारी शिक्षक से इस संबंध में पूछताछ करूंगा।’
इधर, ऑल बंगाल टीचर्स असोसिएशन के जिला सचिव अशीष बिस्वास ने कहा कि उन्हें इसमें कोई समझदारी नजर नहीं आती। उन्होंने कहा, ‘वे ऐसा कैसे कर सकते हैं? अगर बच्चे स्कूल में गलत बर्ताव करते हैं, तो उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए थे। अगर स्कूल से बाहर लड़के-लड़कियों को परेशान करते हैं, तब अभिभावक को इस तरफ ध्यान दिलाना चाहिए और पुलिस में शिकायत करनी चाहिए।’