PM मोदी ने अपने मंत्रियों को दी चेतावनी, दूर रहें पांच सितारा होटलों से
सैन्य अधिकारियों ने बताया था कि पत्थरबाजी की शुरुआत चीनी पक्ष की ओर से हुई, जिसके भारतीय सैनिकों की ओर से मुंहतोड़ जवाब दिया गया। पत्थरबाजी में दोनों तरफ से 2-2 सैनिकों के घायल होने की बात कही गई थी। दोनों पक्षों के बीच टकराव करीब 30 मिनट तक चला।
लद्दाख में यहां भारत की ओर से आईटीबीपी को तैनात किया गया है। दोकलम में जारी विवाद के बीच चीनी सैनिकों ने लद्दाख में यह हिमाकत की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि वे इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि 15 अगस्त को पांगोंग त्सो में एक घटना घटी थी।
इस पर दोनों पक्षों के स्थानीय सैन्य कमांडरों ने बाद में चर्चा की थी। ये घटनाएं किसी भी पक्ष के हित में नहीं हैं। हालांकि उन्होंने यह पुष्टि नहीं की कि घटना में पथराव या सलाखों का इस्तेमाल शामिल था।
क्या था मामला
15 अगस्त की सुबह चीन के करीब 15 सैनिक लद्दाख में सुबह साढ़े सात बजे पांगोंग झील के किनारे से भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इस झील के दो तिहाई हिस्से पर चीन का और एक तिहाई हिस्से पर भारत का नियंत्रण है।
जब चीनी सैनिक इस ओर बढ़े तो सीमा पर तैनात भारतीय जवानों ने उन्हें रोक लिया और उन्हें वापस जाने की चेतावनी दी। कई बार की चेताए जाने के बाद भी चीनी सैनिक वहां से हटने को तैयार नहीं हुए।
इस बीच चीनी सैनिक भारतीय सीमा में घुस आए, जब आईटीबीपी के जवानों ने उन्हें कार्रवाई की धमकी दी तो वहां पर चीनी सेना की ओर से पत्थरबाजी की गई। चीन की इस हिमाकत का भारतीय सेना ने जोरदार और भरपूर जवाब दिया।