लोकायुक्त नियुक्ति मामला में मुख्यमंत्री ने हंसकर टाला जवाब
लखनऊ। मंत्रि परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में प्रदेश के नये लोकायुक्त की नियुक्ति के बारे में सवाल पूछने पर अखिलेश हंसते हुए यह कह कर आगे बढ़ गये कि, इस बारे में मुझसे मत पूछो .. किसी और से पूछो।’’ उल्लेखनीय है कि राज्यपाल नाईक ने पिछले हफ्ते प्रदेश में नये लोकायुक्त पद पर उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रवीन्द्र सिंह को नियुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से आयी पत्रावली यह कहते हुए दोबारा वापस कर दी थी कि नाम चयन के बारे में विधिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। राज्यपाल ने मुयमंत्री को पत्रावली दोबारा वापस भेजते हुए अपेक्षा की है कि कानून की धारा तीन के प्रावधानों के अनुरूप तीनों सदस्यों की बैठक बुलाकर नये लोकायुक्त के चयन की प्रक्रिया अपनायी जाए और उसके बाद सभी दस्तावेजों समेत पत्रावली उनके पास भेजी जाए। वर्ष 2012 में जब अखिलेश यादव सरकार सत्ता में आयी थी तब भी लोकायुक्त को लेकर तत्कालीन राज्यपाल और प्रदेश सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गयी थी, मगर वह स्थिति लोकायुक्त के कार्यकाल को छह वर्ष से बढाकर आठ वर्ष करने को लेकर पैदा हुई थी। बहरहाल राजभवन ने सरकार की बात मान ली थी और तत्कालीन लोकायुक्त न्यायामूर्ति एन के मेहरोत्रा का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया गया था। कार्यकाल पूरा हो जाने के बावजूद चूंकि नये लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो पायी है, मेहरोत्रा संवैधानिक व्यवस्था के तहत अब भी पद पर बरकरार है। मुख्यमंत्री ने पांच अगस्त को लोकायुक्त की नियुक्ति संबंधी फाइल पहली बार राजभवन भेजी थी, मगर उन्होंने पत्रावली वापस भेजते हुए अपेक्षा की थी कि नये लोकायुक्त की नियुक्ति के सम्बन्ध में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा विधानसभा में विपक्ष के नेता के साथ विचार-विमर्श प्रक्रिया के दौरान सम्पन्न हुए पत्राचार सहित पत्रावली भेजी जाए, मगर अगले दिन दोबारा भी जब पत्रावली में इसका यौरा नहीं मिला तो राजभवन ने पत्रावली फिर वापस कर दी। राजभवन और प्रदेश सरकार के बीच राज्यविधान परिषद में पांच सदस्यो के मनोनयन को लेकर बात फंसी हुई है। प्रदेश सरकार ने नौ लोगो के नाम मनोनयन के लिए भेजे थे, जिनमें से राज्यपाल ने शुरूआती जांच के बाद चार सदस्यो के नाम को मंजूरी दे दी थी, मगर बाकी पांच के बारे में वे फिलहाल सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गयी जानकारियों से संतुष्ट नहीं है।