जीवनशैली

वजन काम करने के लिए काजू खाएं या बादाम जाने क्या है सबसे असरदार

क्‍या आप वजन कम करने के ल‍िए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं, लेकिन किन्‍ही कारणों से वजन कम नहीं हो रहा हैं। अगर आप भी सच में वेटलॉस करना चाहते हैं तो अपनी डाइट में ड्राय फ्रूट्स यानी कि सूखे मेवों को जरूर शामिल करें। खाने की रूटीन में मेवें जुड़ जाए तो आप वजन को बहुत हद तक कंट्रोल में कर सकते हैं। दरअसल मुठी भर मेवा खाने से बहुत देर तक भूख का एहसास नहीं होता और एनर्जी का स्तर भी बना रहता है, इतना ही नहीं इसी वजह से जंक फूड के लिए जी भी नहीं ललचाता। ग्लूटेन फ्री और विटामिन्स से भरे स्वादिष्ट मेवों में ढेर सारे न्युट्रिशियन भी पाए जाते है। देखा जाए तो घरों में आमतौर पर काजू और बादाम का ही इस्तेमाल होता है। लेकिन जब बात वजन कम करने की आती है तो इनमें से किसी एक चुनना बहुत मुश्किल काम है। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर वजन कम करना हो तो डाइट में काजू खाए या फिर बादाम?

जाने कितनी होती है कैलोरीज?
शरीर की सेहत और दिल की सेहत के लिए उत्तम माने जाने वाला मोनो सैचुरेटेड फैट, बादाम में सबसे ज्यादा पाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि 23 बादामों में करीबन 164 कैलोरीज होती है। जबकि काजू सेहतमंद अनसैचुरेटेड फैट से भरपूर व इसका कैलोस्ट्रोल लेवल भी शून्य होता है। करीबन 18 काजूओं में 1 ग्राम फैट और 117 कैलोरीज पाई जाती है। रोज काजू खाने से खून में बैड कोलेस्ट्रॉल घटता है और गुड कोलोस्ट्रॉल बढ़ता है।

किसमें है कितना प्रोटीन?
1 औंस बादाम में करीबन 6 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। चुंकि बादाम में पूरें अमीनो एसिड नहीं होते है, इसलिए सलहा दी जाती है कि बादाम को अच्छे प्रोटीन सोर्स के साथ खाया जाए। ताकि शरीर की प्रोटीन की आपूर्ति पूरी हो सके। जबकि दूसरी ओर काजू प्रोटीन रिच होता है और इसे स्नैक्स के तौर पर खाने से शरीर की प्रोटीन की जरूरत पूरी होती है। साथ ही काजू में पाए जाने वाले फाइबर के कारण पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिसकी वजह से जंक फूड खाने की इच्छा कम होती है।

दिल की बीमार‍ियों को रखें दूर
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर बादाम का बाहरी भूरा छिलका दिल की धमनियों के सेहतमंद होता है। ऐसा कहा जाता है कि दिल की बीमारियों से बचने के लिए रोज बादाम खाने चाहिए। साथ ही साथ बादाम दिमाग को स्वस्थ्य रखने के साथ ही डाइबीटिज के मुख्य कारण जैसे कि वजन बढ़ना और तनाव से भी बचाता है। वहीं काजू दिल की बीमारियों को दूर रखने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। इतना ही नहीं, काजू कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने के साथ ही हड्डियों को मजबूत व आंखों को तंदरूस्त बनाता है।

क्या है बेहतर काजू या बादाम?
इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ स्पोर्ट्स के जर्नल, में छपी रिपोर्ट की मानें तो बादाम खाने से कसरत करते समय ज्यादा फैट और कार्बस बर्न किया जा सकता है। साथ ही इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी एंड रिलेटेड मेटाबोलिक डिसऑर्डर में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि बादाम खाने वाले ज्यादा वजनी लोगों ने नियमित रूप से उन लोगों की तुलना में अधिक वजन कम किया जो समान कैलोरी और प्रोटीन स्तर के जटिल कार्बोहाइड्रेट खाते थें।

विटामिन K और जिंक होता है काजू में
जबकि दूसरी ओर काजू में बाकि किसी मेवें के मुकाबले बहुत कम फैट पाया जाता है। लेकिन अभी तक हुई शोध में यह साफ नहीं हो पाया है कि काजू वजन कम करने में कारगार है या नहीं। लेकिन हां, काजू में पाए जाने वाले प्रोटीन के चलते इससे पेट काफी समय तक भरा भरा जरूर लगता है। साथ ही इससे विटामिन K और जिंक भी पाया जाता है, लेकिन वजन कम करने के लिए बादाम ही आपका बेहतर चुनाव हो सकता है, क्योंकि इसमें फाइबर, विटामिन E और कैल्श्यिम पाया जाता है।

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