वाराणसी में सामने थे कमिश्नर, लेकिन चपरासी ने किया ध्वजारोहण
वाराणसी। स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी में कमिश्नर (commissioner) के सामने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (Class IV employee) ने ध्वजारोहण किया. इस दौरान कार्यालय के तमाम अधिकारी व कर्मचारी कमिश्नरी में मौजूद रहे. ध्वजारोहण के बाद सभी ने राष्ट्रगान गाया. इस दौरान ध्वजारोहण करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कमिश्नर की बगल में बैठे नजर आए।
वाराणसी के कमिश्नर यानी मंडलायुक्त ने एक बार फिर समाज में फैली अफसरशाही की धारणा को छोड़ते हुए अपने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ‘चपरासी’ से कमिश्नरी पर ध्वजारोहण कराकर मिसाल पेश की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ईमानदारी से काम करने वाले हर कर्मचारी को सम्मान मिलना चाहिए। वाराणसी के मंडलायुक्त यानी कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने वाराणसी में तैनाती के दौरान गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर एक अनूठी मुहिम छेड़ रखी है, जिसके तहत वह कमिश्नरी पर होने वाले परंपरागत ध्वजारोहण को खुद न करके सरकारी तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के हाथों से कराते हैं।
आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर भी वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कमिश्नरी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजपत राम के हाथों कमिश्नरी पर ध्वजारोहण कराया. इस दौरान कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने समकक्ष बैठा कर चपरासी राजपत राम का मान सम्मान भी बढ़ाया। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि चाहे वह फोर्थ क्लास का कर्मी हो या अधिकारी, जिसको जो दायित्व दिया है, वह अपने पूरे मनोयोग से निभा रहा है, तो उसमें कोई फर्क नहीं है. उनकी ओर से बीते वर्षो में आजादी के पर्व पर कभी सफाईकर्मी, एएनएम, टीचर आंगनबाड़ी कार्यकर्ती जैसे सरकारी कर्मियों से भी ध्वजारोहण कराया गया है।
कमिश्नर ने कहा कि अपना कर्तव्य निभाने वालों को हमेशा ऐसे ही मौका देना चाहिए, जिससे न केवल अन्य लोगों को प्रेरणा मिलती है, बल्कि एक सकारात्मक संदेश भी जाता है. उन्होंने कहा कि अभी ध्वजारोहण करने वाले कर्मचारी अगले वर्ष सेवानिवृत्त भी हो रहे हैं और उनकी तरफ से आगे भी ऐसे ही परंपरा जारी रखी जाएगी।