प्रख्यात वास्तुविद् पं. सतीश शर्मा ने कहा कि, आमतौर पर लोग वास्तु से केवल निर्माण को जोड़ते हैं, लेकिन वास्तु का प्रभाव केवल निर्माण तक सीमित नहीं है। साफ-सफाई एक ऐसा ही आयाम है, जो वास्तु को प्रभावित करता है।
जिन घरों में गंदगी या अस्त-व्यस्त हालत होती है, वहां दरिद्रता का वास होता है। वहीं, बेहतर साफ-सफाई वाले घरों में संपन्नता रहती है। ‘वास्तु और सफाई के संबंध’ विषय पर व्याख्यान देते हुए प्रख्यात वास्तुविद् पंडित सतीश शर्मा ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि अक्सर ठीक से सफाई नहीं होने के कारण घर में धूल-मिट्टी और मकड़ी के जाले लग जाते हैं। आमतौर पर लोग इन्हें बहुत गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन ये घर में नकारात्मक माहौल बनाते हैं। इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।
इसलिए पूजा का स्थान तय करने से पहले दीवारों और घर के कोनों को अच्छी तरह साफ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि घर में बेकार, टूटा-फूटा या खराब सामान इकट्ठा न होने दें। ऐसे कई सामान होते हैं, जिनका कभी इस्तेमाल नहीं होता। ऐसी वस्तुओं को घर में न रखें।
उन्होंने कहा कि रसोई को लेकर भी लोग अक्सर सवाल पूछते हैं। रसोई में चूल्हा कहां है और नल कहां लगा है, यह भी प्रभाव डालता है। किचन में सफाई का विशेष महत्व है। यहां बनने वाले खाने पर ही परिवार का स्वास्थ्य निर्भर करता है।