वित्त मंत्री ने कहा-3 महीने मुफ्त सिलेंडर, अप्रैल से 2000 रुपये सीधे बैंक खाते में, 50 लाख का बीमा
नई दिल्ली: सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण तथा इसकी रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर को कम करने के लिये गुरुवार को बहुप्रतीक्षित आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश पैकेज के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
वित्त मंत्री ने लॉकडाउन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित गरीब और दिहाड़ी मजदूरों के साथ-साथ गांवों में रहने वालों के लिए 1.7 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की।
इसके अलावा कंस्ट्रक्शन से जुड़े 3.5 करोड़ मजदूरों के लिए 31,000 हजार रुपये के फंड का सदुपयोग किया जाए। इसके लिए राज्य सरकारों से कहा जाएगा।
कोरोना वायरस से जंग के लिए मेडिकल टेस्ट, स्क्रीनिंग और अन्य जरूरतों के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड का उपयोग करने की आजादी राज्य सरकारों को दी जाएगी। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए भी इस फंड का उपयोग किया जाएगा।
100 से कम कर्मचारी वाली कंपनी जिसमें 90 फीसद कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये से कम है, उसके कर्मचारियों के ईपीएफओ खाते में सरकार अगले तीन महीने तक कर्मचारी और कंपनी की तरफ से पैसे डालेगी। सरकार दोनों की तरफ से 12-12 फीसद का योगदान करेगी। इससे 80 लाख से ज्यादा मजदूरों को लाभ लेगा।
संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ के रेगुलेशन में बदलाव किया जाएगा। अब कर्मचारी अपने प्रोविडेंट फंड खाते से 75 फीसद राशि या तीन महीने की सैलरी, जो भी राशि कम हो, की निकासी कर सकते हैं। ये पैसे उन्हें वापस नहीं करने होंगे।
50 लाख का बीमा कवर उन लोगों को मिलेगा जो कोरोना वायरस के इलाज में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इनमें डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी आदि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को खाद्य राहत दी जाएगी। 5 किलो गेहूं या चावल पहले से मिलता था अब 5 किलोग्राम अगले तीन महीने तक मुफ्त में देगी सरकार। लोगों को अपनी पसंद का 1 किलो दाल हर महीने फ्री मिलेगा। सरकार किसी को भूखा नहीं रहने देगी, हर किसी को अन्न मिलेगा।
सीतारमण ने कहा कि किसानों को 6000 पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 6000 रुपये मिलते हैं। अब हम उन्हें 2,000 रुपये सीधे तौर पर देने जा रहे हैं। इससे 8.69 करोड़ किसानों को इस कठिन समय में मदद मिलेगी। ये पैसे अप्रैल के पहले हफ्ते में खाते में डाल दी जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत काम करने वालों को अब 182 रुपये के बदले मिलेंगे 200 रुपये। उनकी आय में 2000 रुपये की बढ़ोत्तरी होगी। इससे 5 करोड़ परिवारों को मदद मिलेगी।
गरीब वरिष्ठ नागरिकों, विधावाएं और दिव्यांगों को तीन महीने तक एक्स्ट्रा 1,000 रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये दिया जाएगा।
उज्ज्वला स्कीम के तहत 8 करोड़ से ज्यादा बीपीएल महिलाओं को इस कठिन समय में तीन महीने तक एलपीजी सिलेंडर मुफ्त में दिया जाएगा।
63 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप को 20 लाख रुपये तक का कोलैटरल फ्री लोन मिलेगा। ऐसे सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़े 7 करोड़ परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। पहले ऐसे लोन की सीमा 10 लाख रुपये थी।
सीतारमण ने मंगलवार को आयकर और जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ा दी थी।
2018-19 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख और पैन से आधार को जोड़ने के लिए आखिरी तारीख तीन महीने बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है। इसके अलावा जीएसटी वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि भी 31 मार्च की जगह जून के अंतिम सप्ताह तक कर दिया गया है।