इस द्वीप पर अचानक सांपों के यूं आक्रमक होने के पीछे का कारण मेंढ़कों का अवैध व्यापार ही है। इस बाबत एक विशेषज्ञ ने कहा है कि द्वीप पर लगभग एक दशक तक अवैध मेंढक व्यापार होता रहा है। यह 2010 की शुरुआत तक खत्म हो गया क्योंकि मेंढक काफी कम हो गए। उसके बाद से लेकर अब तक यहां आमतौर पर मानसून के दौरान सांपों के काटने का मामले बढ़े हैं।
यहां रहने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ी आफत तो तब खड़ी होती है जब कभी यहां कृष्णा नदी में बाढ़ आती है। बाढ़ के दौरान नदीं के पानी में सांप ज्यादा सक्रीय हो जाते हैं। इस दौरान सांप धान के खेतों में घुस जाते हैं। यहां से वे लोगों की बस्तियों तक आ जाते हैं। अब ये यहां के लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन चुका है।